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RK Srivastava: अनोखे शैक्षणिक कार्यशैली के लिए मशहूर बिहारी शिक्षक, आरके श्रीवास्तव ₹1 गुरु दक्षिणा वाले
RK Srivastava: रोहतास जिला के बिक्रमगंज के रहने वाले गुरुजी रजनी कांत श्रीवास्तव उर्फ मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव। कुछ अन्य गुरुओं से अलग हैं।
आरके श्रीवास्तव: Photo - Social Media
Bihar: अनोखे शैक्षणिक कार्यशैली के लिए मशहूर है बिहारी शिक्षक, कोई पटना के गंगा तट पर पढ़ा रहा तो कोई ₹1 गुरु दक्षिणा में पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित की शिक्षा दे रहा है। बिहार देश भर में अपने अनोखे एकेडमिक्स के लिए जाना जाता है। कोई पटना के गंगा तट पर पढ़ा रहा तो कोई ₹1गुरु दक्षिणा में पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित की शिक्षा दे रहा।
आइए जानते हैं इन शिक्षकों के बारे में-
एस के झा-
सरकारी नौकरी पाने का जुनून देखना हो तो पटना में गंगा किनारे पहुंच जाइए। यहां पर आपको हज़ारों की संख्या में छात्र पढ़ाई करते दिख जाएंगे। इन्हीं छात्रों की इन दिनों सोशल मीडिया पर तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इनके जज्बे को सलाम करते नहीं थक रहे हैं। बता दें कि पटना कॉलेज घाट, कदम घाट और काली घाट पर मौजूद ये छात्र बिहार, यूपी, महाराष्ट्र और झारखंड से हैं जो ग्रुप स्टडी और मॉक टेस्ट सॉल्व करते हैं।
नामी शिक्षक एस. के. झा आपको काली घाट पर इन छात्रों के बीच शनिवार और रविवार को मिल जाएंगे। वे सप्ताहांत पर 90 मिनट का मॉक टेस्ट आयोजित कराते हैं और साल 2014 से रेलवे और एसएसबी उम्मीदवारों को कोचिंग दे रहे हैं।
बता दें कि मूल रूप से बीरपुर, सुपौल के रहने वाले झा ने ओडिशा के एक कॉलेज से बी.टेक किया था। महाराष्ट्र में केवल 10 दिन नौकरी करने के बाद उन्होंने 2014 में कोचिंग की ओर रुख किया और पटना में सिर्फ चार छात्रों के साथ एक कोचिंग सेंटर की शुरुआत की थी।
मौजूदा वक्त में उनके कोचिंग सेंटर में लगभग 2,000 छात्र नामांकित हैं और उनके यूट्यूब चैनल पर लगभग 6.5 लाख सबस्क्राइबर्स हैं। वह अपने चैनल पर एक विषय पढ़ाने के लिए 99 रुपये चार्ज करते हैं। झा कहते हैं, "मेरा मकसद रेलवे परीक्षाओं के लिए इन मॉक टेस्ट का लोकतंत्रीकरण करना है।"
आरके श्रीवास्तव- (RK Srivastava)
रोहतास जिला के बिक्रमगंज के रहने वाले गुरुजी रजनी कांत श्रीवास्तव उर्फ मैथेमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव। कुछ अन्य गुरुओं से अलग हैं। इनके यहां तामझाम नहीं बल्कि पढ़ाई के बल पर सपना देखने वाले छात्र ही आते हैं। पढ़ाई के बीच कोई शुल्क नहीं बल्कि पूरा होने के बाद बिना गुरुदक्षिणा के लिए ये किसी को नहीं छोड़ते। गुरुदक्षिणा भी सिर्फ एक रुपया।
अबतक 540 निर्धन परिवार के छात्र इंजीनियर व अन्य सरकारी सेवक बन सपने को साकार कर चुके हैं। खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। इनके द्वारा चलाया जा रहा नाइट क्लासेज छात्रों को भी रास आती है। गुगल ब्वाय कौटिल्य के भी ये गुरु रह चुके हैं। कई रिकार्ड इनके नाम पर दर्ज है।
एक रुपया गुरुदक्षिणा देना है आवश्यक
रजनीकांत बताते हैं कि अबतक उनसे पढ़ाई कर 540 छात्र सफल हुए हैं। सभी ने आकर एक रुपया गुरुदक्षिणा दिया है। गुरु की महिमा और महत्व छात्रों की सफलता से ही है। जब छात्र उन्हें गुरुदक्षिणा देते हैं तो उनका मन सम्मान से भर जाता है।
अबतक मिल चुका है कई अवार्ड
रजनीकांत को पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras theorem) को बिना रुके 52 अलग-अलग तरीके से सिद्ध करने के लिए वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड लंदन में नाम दर्ज है। लगभग 12 घंटे 450 से अधिक बार नाइट क्लास में पढ़ाने के लिए इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड एवं गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज है।
इन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, राज्यसभा के पूर्व सदस्य आरके सिन्हा, योग गुरु बाबा रामदेव, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत व हरिश रावत समेत कई लोगों से पुरस्कार प्राप्त हुआ है।गेस्ट फैकल्टी के रूप में भी कई संस्थानों में गणित विषय को पढ़ाएं हैं। गुगल ब्वाय कौटिल्य के भी ये गुरु रह चुके हैं।