TRENDING TAGS :
Bihar Politics: राजद को बड़ा झटका देने की BJP की तैयारी, यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बनाई नई रणनीति
Bihar Politics: लालू और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ाने के लिए भाजपा की ओर से यह रणनीति बनाई गई है। अब रह देखने वाली बात होगी कि भाजपा की यह रणनीति लालू और तेजस्वी को कितना नुकसान पहुंचती है।
लालू प्रसाद यादव और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (photo: social media )
Bihar Politics: बिहार के विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार अपनी रणनीति बदलती हुई दिख रही है। ‘हीरे को हीरे से काटने’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए भाजपा इस बार के विधानसभा चुनाव में यादव प्रत्याशियों पर बड़ा दांव खेलने जा रही है। इसके साथ ही पार्टी के यादव नेताओं की जिला वार ड्यूटी भी लगाई जा रही है। दूसरे राज्यों के प्रमुख यादव नेताओं को भी बिहार के सियासी रण में उतारने की तैयारी है।
भाजपा की ओर से अपनाई जाने वाली यह रणनीति राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के वोट बैंक में सेंध लगाने वाली साबित हो सकती है। लालू और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ाने के लिए भाजपा की ओर से यह रणनीति बनाई गई है। अब रह देखने वाली बात होगी कि भाजपा की यह रणनीति लालू और तेजस्वी को कितना नुकसान पहुंचती है।
लाल के गढ़ में घुसकर शाह ने दिया संदेश
हाल में अपने बिहार के दो दिवसीय दौरे के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गोपालगंज जाना अनायास नहीं था। गोपालगंज को राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव का गढ़ माना जाता है और गृह मंत्री शाह ने गोपालगंज से ही 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के अभियान का श्रीगणेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी चुनाव के दौरान आक्रामक रणनीति पर काम करती रही है और भाजपा का यह कदम इस आक्रामक रणनीति का ही हिस्सा है।
भाजपा यह आरोप लगाती रही है कि लालू प्रसाद यादव और राजद के शासनकाल में वही यादव मजबूत हुआ जो लालू यादव और उनके परिवार से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था। बिहार के बाकी यादवों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया। भाजपा का कहना है कि जाति के नाम पर लालू यादव बिरादरी का वोट जरूर हासिल करते रहे हैं मगर सच्चाई में उन्होंने अपनी बिरादरी के लिए आज तक कुछ नहीं किया।
14 फ़ीसदी यादव वोटों के लिए घमासान
बिहार में अक्टूबर 2023 के दौरान जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी किए गए थे। इस सर्वे के मुताबिक यादव जाति के लोगों की आबादी करीब 14 फ़ीसदी है। ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, कुर्मी और मुसहर जाति के मतदाताओं का प्रतिशत यादवो से काफी कम है। यादव और मुस्लिम को मिलाकर राजद ने एम-वाई समीकरण बना रखा है और बिहार में यह समीकरण ही राजद की असली ताकत माना जाता रहा है।
यही कारण की भाजपा ने अब यादव मतदाताओं पर डोरे डालने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके जरिए राष्ट्रीय जनता दल के मजबूत वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा की ओर से इसके लिए पुख्ता रणनीति तैयार की गई है।
टिकट के साथ यादव नेताओं को जिम्मेदारी
अपनी रणनीति पर अमल करने के लिए भाजपा ने अगले विधानसभा चुनाव के दौरान यादव जाति से जुड़े हुए नेताओं को अधिक संख्या में टिकट देने का मन बनाया है। इसके साथ ही यादव जाति से जुड़े हुए प्रमुख नेताओं रामकृपाल यादव, नंदकिशोर यादव और नित्यानंद राय आदि को विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है। इसके साथ ही भाजपा आने वाले दिनों में बिहार के यादव बहुल इलाकों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सभाएं भी आयोजित करने जा रही है।
भाजपा यादव जाति से जुड़े हुए युवा मतदाताओं को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश में जुट गई है। इसके लिए भाजपा के छोटे-बड़े करीब सौ नेता आने वाले दिनों में यादव मतदाताओं से मुलाकात करेंगे। इसके लिए घर-घर जाकर यादव जाति के मतदाताओं से संपर्क किया जाएगा।
यादव जाति के मतदाताओं को एक पुस्तिका भी दी जाएगी जिसमें लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के दौरान यादव जाति पर किए गए जुल्मों का विस्तृत ब्योरा होगा।
लालू के जंगलराज को लेकर हमले तेज
भाजपा और जदयू की ओर से लालू यादव के राज को जंगलराज की संज्ञा दी जाती रही है। भाजपा नेताओं की ओर से अपनी हर सभा के दौरान लालू राज के दौरान हुए अपराधों की याद जरूर दिलाई जाती है। भाजपा का आरोप है कि लालू के राज में फिरौती और अपहरण उद्योग काफी फल-फूल रहा था और बिहार के काफी संख्या में लोग इसके शिकार हुए थे।
लालू राज के दौरान यादव जाति के कुछ मतदाताओं ने ही मलाई कटी जबकि अधिकांश यादव मतदाताओं को कोई लाभ नहीं मिल सका। भाजपा अब इस मुद्दे को ही उछालने की कोशिश में जुटी हुई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हालिया बिहार दौरे के समय भी लालू के जंगलराज की याद दिलाई थी। शाह ने लालू के गढ़ में अपनी पहली सभा के जरिए अपना इरादा जता दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा आक्रामक रणनीति पर अमल कर रही है और यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी अपने अभियान में कहां तक सफल हो पाती है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!