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Opposition Meeting: पटना बैठक से पहले BJP का तंज-सिर्फ बराती जुटेंगे, दूल्हे का पता नहीं, कौन करेगा पीएम मोदी का मुकाबला

Opposition Meeting: बैठक के लिए पटना में जोरदार तैयारियां की जा रही हैं और विभिन्न राजनीतिक दलों के पोस्टर भी पटना की सड़कों पर दिखने लगे हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 21 Jun 2023 11:32 AM IST
Opposition Meeting: पटना बैठक से पहले BJP का तंज-सिर्फ बराती जुटेंगे, दूल्हे का पता नहीं, कौन करेगा पीएम मोदी का मुकाबला
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Sushil Kumar Modi (photo: social media )

Opposition Meeting: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों पटना की धरती पर विपक्षी एकजुटता की बड़ी कवायद में जुटे हुए हैं। नीतीश कुमार के न्योते पर पटना में 23 जून को विपक्षी नेताओं का बड़ा जमावड़ा लगने वाला है। इस बैठक के लिए पटना में जोरदार तैयारियां की जा रही हैं और विभिन्न राजनीतिक दलों के पोस्टर भी पटना की सड़कों पर दिखने लगे हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बैठक को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।

इस बीच भाजपा ने नीतीश कुमार की ओर से आयोजित की जा रही इस बैठक पर तंज कसा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि मुख्यमंत्री के आवास पर बरातियों को जुटने का न्योता तो जरूर दे दिया गया है मगर दूल्हे का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को यह स्पष्ट करना चाहिए की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्ष की ओर से कौन चेहरा होगा।

पीएम चेहरे का मुद्दा टालने की कोशिश

सियासी हलकों में पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। पीएम पद को लेकर गुत्थी उलझी होने के कारण विपक्ष अभी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता। एनसीपी के मुखिया शरद पवार समेत विपक्ष के कई नेता यह बात कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री पद का फैसला चुनाव के बाद भी किया जा सकता है। पवार ने तो इसके लिए 1977 का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय चुनावी जीत के बाद मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया था।

दरअसल पीएम पद को लेकर विपक्ष के नेताओं के बीच इस कदर मतभेद हैं कि यह मुद्दा उठने पर विपक्षी एकजुटता का सारा मामला ही संकट में फंस सकता है। यही कारण है कि नीतीश कुमार समेत विपक्ष के कई प्रमुख नेता इस सवाल को टालने के मूड में दिख रहे हैं। भाजपा को इस मामले में विपक्ष की कमजोरी की बखूबी जानकारी है और इसीलिए पार्टी की ओर से पीएम पद के चेहरे को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

अभी तक नहीं तय हो सका विपक्ष का दूल्हा

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील मोदी ने पटना बैठक से पूर्व कहा कि देश की जनता विपक्ष के दूल्हे का नाम जानना चाहती है मगर विपक्ष के नेता जनता को बैंड-बाजा और बरातियों की बात में उलझाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ना तो खुद दूल्हा है और ना अभी तक दूल्हे का नाम तय कर सके हैं । मगर उन्होंने बरातियों को निमंत्रण जरूर भेज दिया है। मोदी ने कहा कि अब कहा जा रहा है कि जब बरात दरवाजे पर लगेगी (चुनाव परिणाम आएगा) तो जयमाल के लिए बरातियों में से कोई चेहरा दूल्हे के लिए चुन लिया जाएगा।

आखिर कौन करेगा पीएम मोदी का मुकाबला

उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो उन्हें पटना की बैठक में हिस्सा लेने वाले विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार खुद को पहले ही पीएम पद की रेस से बाहर बता चुके हैं और ऐसे में विपक्ष को बताना चाहिए कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और शरद पवार में से कौन विपक्ष का चेहरा होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि दुनिया भर में लोकप्रिय और विश्वसनीय माने जाने वाले नरेंद्र मोदी पीएम पद का चेहरा होंगे। ऐसे में विपक्ष को बताना चाहिए कि उनकी ओर से कौन पीएम मोदी का मुकाबला करेगा।

इसलिए नहीं घोषित हो रहा विपक्ष का चेहरा

सियासी जानकारों का मानना है कि पटना की बैठक से पहले भाजपा ने पीएम चेहरे का सवाल उठाकर विपक्ष को घेरने की कोशिश की है। भाजपा इस मुद्दे को इसलिए उछालने की कोशिश में जुट गई है क्योंकि उसे पता है कि यह मुद्दा उठा तो विपक्षी एकजुटता की सारी कवायद बेकार हो जाएगी। दरअसल कांग्रेस को राहुल गांधी के अलावा कोई और नाम मंजूर नहीं है जबकि क्षेत्रीय दलों की ओर से अपने-अपने नेताओं के नाम उछाले जा रहे हैं। जदयू के कई नेता नीतीश कुमार को पीएम मैटीरियल बता चुके हैं तो टीएमसी के नेता समय-समय पर ममता बनर्जी का नाम उछाल दे रहे हैं।

आप नेता संजय सिंह भी बयान दे चुके हैं कि 2024 का चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल होगा। ऐसे में विपक्ष की बरात का दूल्हा कौन होगा, इस सवाल का जवाब देना आसान नहीं है। भाजपा ने यह सवाल उठाकर विपक्षी एकजुटता की कवायद में मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की है। अब यह देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार इस मुद्दे पर क्या जवाब देते हैं। नीतीश कुमार लंबे समय से इस सवाल को टालने की कोशिश में जुटे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि वे पटना बैठक के दौरान भी इस सवाल को टालने की कोशिश करेंगे।



Anshuman Tiwari

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