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Chhath Puja 2022: नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू, गंगा घाटों पर उमड़ी व्रतियों की भीड़
Chhath Puja in Bjhar: आज नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व का शुभारंभ हो गया। छठ व्रतियों ने गंगा स्नान कर भगवान सूर्य नारायण के सामने छठ व्रत का संकल्प लिया।
Bihar News Today: आज नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व का शुभारंभ हो गया। इसे लेकर शुक्रवार सुबह से ही पटना, भागलपुर, बेगूसराय, बक्सर समेत कई इलाकों में छठ व्रतियों ने गंगा स्नान कर भगवान सूर्य नारायण (Lord Surya Narayan) के सामने छठ व्रत (Chhath Vrat) का संकल्प लिया। साथ ही इसे पूरा करने का आशीर्वाद भी मांगा। नहाय-खाय के साथ ही लोगों ने छठ महापर्व की तैयारी शुरू कर दी है। अनुष्ठान के दूसरे दिन शनिवार को सूर्यास्त के बाद व्रती खरना करने के साथ-साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करेंगे। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को संध्याकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और सोमवार को उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पर्व का समापन हो जाएगा।
4 दिनों तक चलने वाले सूर्य उपासना का और आस्था का महापर्व छठ पूजा का शुभारंभ शुक्रवार से हो गया है। लगातार दो वर्षो तक कोरोना काल के बाद इस वर्ष छठ पूजा के अवसर पर लोगों के बीच काफी उत्साह देखा जा रहा है। पटना सहित शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में छठ घाटों के साथ-साथ व्रत करने वाली महिलाओं के लिए रास्तों को भी साफ सफाई की जा रही है।
जात-पात का कोई भेदभाव नहीं दिखता है
कहा जाता है कि लोक पर्व छठ कठिन तपस्या है। इस पर्व में न किसी पंडित की जरूरत होती है और न किसी विधि-विधान की। इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें जात-पात का कोई भेदभाव नहीं दिखता है। पर्व के दौरान छठी माता के साथ सूर्य की आराधना होती है। पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री भी प्राकृतिक होती है। इस पर्व में सेवा और भक्ति भाव का विराट रूप दिखता है।
ऐसी मान्यता है कि सनातन धर्म में सबसे महान पर्व के रूप में छठ पर्व की चर्चा इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। बताया जाता है कि इस पर में व्रत करने वाली महिला पुरुष साक्षात भगवान भास्कर के दर्शन करते हैं और उनकी पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना को पूर्ण करने की उन से मन्नतें मांगते हैं।
40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है
छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली लगभग सभी सामानों कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पटना में बांस से बने 60 से 70 रुपए तक बेचे जा रहे हैं। वहीं टोकरी की कीमत करीब 150 से 250 रुपए तक की है। आम की लकड़ी 120 से ₹150 प्रति पांच किलो की दर बिक रही है। इस बार सूप 160 और 180 रुपए जोड़ा है। बांस का टोकरी 150 रुपए से 200 रुपए तक का है। पिछली बार से तुलना करें तो इस छठ में सामानों की कीमत में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।