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Bihar Chhath Puja 2022: उदीयमान सूर्य को तेजस्वी यादव ने दिया अर्घ्य, आस्था के महापर्व का समापन, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
Bihar Chhath Puja 2022: भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पटना सहित अन्य जिलों के सभी घाटों पर अहले सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
Bihar Chhath Puja 2022: लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद हो गया। 28 अक्टूबर से शुरू हुए इस चार दिवसीय पर्व का आज अंतिम दिन है। पूरे बिहार में सैकड़ों घाटों पर आज श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। घाट पर श्रद्धालुओं का हर्ष उल्लास देखते ही बन रहा था। सभी घाट पर पटाखे फोड़े जा रहे थे। छठव्रतीं आज सुबह करीब 4 बजे से ही जल में खड़ी हो गईं। इसके बाद श्रद्धालुओं ने 5:58 बजे भगवान भास्कहर को अर्घ्य दिया। इसके बाद व्रतियों ने पारण किया। इसके साथ ही चार दिनों तक चलने वाला सूर्योपासना का पर्व छठ संपन्न हो जाएगा। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पटना सहित अन्य जिलों के सभी घाटों पर अहले सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। कई जगह तो सुबह के इंतजार के साथ अपने घर लौट गए थे जबकि कुछ व्रती, जिन्होंने मन्नत मांगी थी, उन्होंने घाट पर ही रात बिताई।
पटना पुलिस और दंडाधिकारी भी मुख्य चौक-चौराहों और घाटों पर तैनात दिखे। गंगा नदी समेत घाटों पर पुलिस टीम चौकन्ना थी। गंगा घाटों पर मोटरबोट से एसडीआरएफ की टीम निगरानी कर रही थी। पुलिस की एक टीम कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के जरिए निगरानी कर रही है। पटना में पाटीपुल घाट, दीघा घाट, शिवा घाट, मीनार घाट, जेपी सेतु पश्चिमी घाट, जेपी सेतु पूर्वी घाट, मीनार घाट, बिंद टोली घाट, गेट नं 93 घाट, गेट नं 92, 88 घाट, गेट नं 83 घाट, बालू पर घाट, कुर्जी घाट, एलसीटी घाट, पहलवान घाट, बांस घाट एवं राजापुर पुल घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, साइस कॉलेज घाट पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है। इस दौरान SDRF की टीम भी नाव से गंगा नदी में लगातार गश्त लगाती रही।
भारत और नेपाल के लोगों ने झीम नदी में मनाया छठ पूजा
बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर के आंगनों, बगीचों और छतों पर भी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पानी जमा किया है। इसी पानी में उतर कर व्रती फलों से भरा सूप उठाया और सूर्य को जल अर्पित किया। इधर, सीतामढ़ी में भारत और नेपाल के लोग सीमा पर बहने वाली झीम नदी पर एक साथ छठ पूजा करते दिखे।। आस्था के इस पर्व को दोनों देशों के लोग मिलकर किया। रविवार को नदी के दोनों किनारे दोनों देशों के नागरिक ने डूबते को पहला अर्घ्य दिया। मौके पर भारत और नेपाल के हजारों लोग की संख्या में नदी के दोनों किनारे मौजूद थे।