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चिराग का नीतीश पर बड़ा हमला, पिता के अपमान का लगाया आरोप, पार्टी ने पारित किया निंदा प्रस्ताव
Chirag Paswan vs Nitish Kumar: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की पहली बरसी के कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल न होने के कारण चिराग पासवान काफी नाराज हैं।
Chirag Paswan vs Nitish Kumar: लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की पहली बरसी (Ram Vilas Paswan Ki Pahli Barsi) पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का न पहुंचना बड़े विवाद का कारण बन गया है। नीतीश कुमार के साथ ही जदयू (JDU) के अन्य नेताओं ने भी इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया था। रामविलास पासवान के बेटे और लोजपा (LJP) सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) इस बात को लेकर नीतीश से काफी खफा हैं। उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि नीतीश ने मेरे पिता का अपमान किया है और मैं उनका भविष्य में कभी समर्थन नहीं करूंगा। चिराग पासवान की ओर से बुलाई गई लोजपा की बैठक में भी नीतीश कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
पटना में बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए चिराग के चाचा और अब अपना अलग गुट बना चुके पशुपति कुमार पारस भी पहुंचे थे। लोजपा में टूट के बाद पहली बार चाचा और भतीजे का आमना सामना हुआ था। इस कार्यक्रम में हर किसी की नजर नीतीश कुमार पर टिकी हुई थी मगर वे इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से चिराग को मिलने का वक्त भी नहीं दिया गया था। इससे साफ है कि नीतीश कुमार ने अभी चिराग को माफ नहीं किया है। वे विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग की ओर से किए गए व्यक्तिगत हमलों को लेकर अभी भी काफी नाराज हैं।
मुख्यमंत्री ने निमंत्रण नहीं किया स्वीकार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बरसी कार्यक्रम में न पहुंचने पर चिराग ने कहा कि राजनीतिक जीवन में मतभेद होना स्वाभाविक है मगर मनभेद की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। नीतीश कुमार मुझसे नाराज हो सकते हैं मगर मेरे पिता से नाराज होने का कोई कारण नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि बरसी वाले दिन हम लोगों ने नीतीश कुमार से दिन भर संपर्क कायम करने की कोशिश की मगर कामयाबी नहीं मिली। मुझसे मिलना तो दूर उन्होंने मेरा निमंत्रण तक नहीं स्वीकार किया।
चिराग ने नीतीश को घेरते हुए कहा कि बिहार में सिर्फ गलियों और नालियों के निर्माण से राज्य का विकास नहीं हो सकता। राज्य के विकास के लिए हमें बेरोजगारों को रोजगार देने के साथ ही भ्रष्टाचार और घूसखोरी को पूरी तरह खत्म करना होगा। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के विजन के साथ ही राज्य का विकास किया जा सकता है।
कभी नहीं करूंगा नीतीश का समर्थन
चिराग ने कहा कि नीतीश के रवैये से साफ है कि उन्होंने रामविलास पासवान का खुला अपमान किया है। मैं जानता हूं कि वे मुझसे काफी नाराज चल रहे हैं मगर मुझसे बदला लेने के लिए उन्होंने मेरे पिता और नेता का अपमान किया है। चिराग ने कहा कि मैं इस अपमान को कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि मैं कभी झुकने या टूटने वाला नहीं हूं हूं।भविष्य में नीतीश कुमार का कभी समर्थन नहीं करूंगा। मेरे परिवार के लोगों ने नीतीश के आगे भले ही समर्पण कर दिया हो मगर मैं कभी उनका समर्थन नहीं करने वाला।
चिराग का इशारा अपने चाचा पशुपति पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज की ओर था जो खुलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार पर पार्टी को तोड़ने का भी आरोप लगाया। चिराग ने कहा कि ऐसे व्यक्ति से कैसे समझौता किया जा सकता है।
लोजपा की बैठक में भी नीतीश को घेरा
चिराग ने सोमवार को पटना में कृष्णापुरी स्थित अपने आवास पर पार्टी के जिला अध्यक्षों और विधानसभा के पूर्व प्रत्याशियों की बैठक भी बुलाई थी। इस बैठक में बरसी कार्यक्रम में न पहुंचने पर नीतीश कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। बैठक में चिराग पासवान और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि हम अपने नेता के खिलाफ किए गए अपमानपूर्ण व्यवहार को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
बैठक में दलितों, शोषितों और पीड़ितों के लिए रामविलास पासवान के संघर्ष को याद किया गया। चिराग ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में 50 वर्षों तक सक्रिय रहने के बावजूद मेरे पिता पर कोई दाग नहीं लगा। उन्होंने समाज के हर वर्ग की लड़ाई लड़ी। खाद्य और आपूर्ति मंत्री के रूप में उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए अपने स्वास्थ्य तक की चिंता नहीं की।
चिराग से नाराज हैं नीतीश, नहीं तोड़ी चुप्पी
रामविलास पासवान की बरसी कार्यक्रम को लेकर पैदा हुए विवाद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक खामोशी साध रखी है। बरसी कार्यक्रम के बाद से ही यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है मगर नीतीश कुमार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला था। नीतीश कुमार इन हमलों को लेकर काफी नाराज बताए जा रहे हैं।
लोजपा मे टूट के बाद भी उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठे थे। लोजपा में टूट से पहले नीतीश के करीबी और जदयू के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बागी नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के बाद ही लोजपा में टूट की पटकथा लिखी गई।
यही कारण है कि चिराग लगातार नीतीश कुमार पर लोजपा में टूट कराने का आरोप लगाते रहे हैं। नीतीश कुमार सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। उन्होंने एक सधी हुई सियासी चाल चलते हुए चिराग को सियासी मैदान में पूरी तरह अकेला और अलग-थलग कर दिया है। लोजपा का बागी गुट अब खुलकर नीतीश कुमार का समर्थन कर रहा है। उन्हें बिहार का विकास पुरुष बता रहा है जबकि चिराग ने लगातार हमलावर रुख अपना रखा है।