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Bihar: CM नीतीश कुमार के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेद्र कुशवाहा हो सकते हैं गिरफ्तार, जानिए मामला

Bihar News Today: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पटना के MP-MLA कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है।

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Newstrack Network
Published on: 30 Sep 2022 8:14 AM GMT
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नीतीश कुमार के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेद्र कुशवाहा हो सकते हैं गिरफ्तार। 

Bihar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबी कहे जाने वाले और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Former Union Minister Upendra Kushwaha) गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पटना के MP-MLA कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है। यह वारंट सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में जारी किया गया है। कोर्ट सूत्रों की मानें तो कोर्ट ने 29 अगस्त को ही गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। एक महीने बाद भी वैशाली पुलिस ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

कोर्ट ने 15 अक्टूबर को गैर-जमानती वारंट के समन पर मांगी रिपोर्ट

इसके बाद गुरुवार को जांच में क्रम में यह पाया गया कि उपेंद्र कुशवाहा पर कार्रवाई नहीं हुई है। इसके बाद कोर्ट ने 15 अक्टूबर को गैर-जमानती वारंट के समन पर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा का घर वैशाली जिले के महनार थाना के जावज गांव में है। इसलिए कोर्ट से जारी ननबेलवल वारंट को महनार थाना भेजा गया था। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा को इस केस में 8 महीने पहले उपेंद्र कुशवाहा को एंटी सिपेट्री बेल मिली थी। इसके लिए उनके वकील ने अपील दायर की थी, लेकिन इसके बाद भी वो कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। अब उनके वकील ने कोर्ट से समय मांगा है।

2 फरवरी 2019 का है मामला

दरअसल, 2 फरवरी 2019 को पटना के कोतवाली थाना में उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी (RLSP, अब यह पार्टी जदयू में विलय हो गई) के तरफ से एक प्रदर्शन मार्च निकाला था। पटना के डाकबंगला चौराहा को जाम कर दिया था। इस को लेकर उपेंद्र कुशवाहा पर तोड़फोड़, रोड जाम और सरकारी काम में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगा था। इसके बाद मजिस्ट्रेट व शोध एवं प्रशिक्षण के सहायक अभियंता राम भजन साह के बयान पर कोतवाली थाना में FIR दर्ज हुई थी। इस मामले में कुल 12 धाराओें में दर्ज किया गया था। इस केस में उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के सदस्य अरविंद कुमार को नामजद किया गया था, जबकि, 250 से 300 लोग अज्ञात के रूप में शामिल किए गए थे।

Deepak Kumar

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