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Bihar Politics: बिहार में कार्तिक से कानून छीन गन्ना थमाया, कानून मंत्री अब शमीम

Bihar Politics: महागठबंधन की नई सरकार में गन्ना उद्योग विभाग देख रहे शमीम अहमद को राज्य का नया विधि मंत्री बनाया गया है।

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Newstrack Network
Published on: 31 Aug 2022 2:42 AM GMT (Updated on: 31 Aug 2022 3:01 AM GMT)
karthik kumar
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कार्तिक कुमार (photo: social media) 

Bihar Politics: बिहार में विधि मंत्री कार्तिक कुमार से कानून विभाग वापस लेकर गन्ना विभाग दे दिया गया है। कानून मंत्री अब शमीम को नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि कानून तोड़ने के आरोपों से घिरे अपने विधि मंत्री कार्तिक कुमार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट से तो नहीं हटाया है, लेकिन कानून-मुक्त जरूर कर दिया है। गणेश चतुर्थी की सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कार्तिक कुमार अब बिहार में गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री बनाए गए हैं। महागठबंधन की नई सरकार में गन्ना उद्योग विभाग देख रहे शमीम अहमद को राज्य का नया विधि मंत्री बनाया गया है।

विभागों का यह एक्सचेंज ऑफर लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नाम रहा, क्योंकि दोनों इसी के कोटे से मंत्री बने हैं। कार्तिक को विधि मंत्री बनाए जाने की घोषणा के बाद से ही विपक्ष के विरोध के साथ सरकार को आंतरिक फीडबैक भी खराब मिल रहा था। मुख्यमंत्री ने उनपर लगे आरोपों की जानकारी से इनकार किया था, लेकिन मीडिया में उनकी फजीहत को देखते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय से आखिर बुधवार सुबह यह फैसला निकल ही आया। पिछली बार जब नीतीश कुमार 2000 में NDA सरकार में मुख्यमंत्री बने थे तो कृषि विवि में नियुक्ति घोटाले के आरोपी डॉ मेवालाल मंडल को शिक्षा मंत्री बनाया था, लेकिन विभाग मिलते ही सुर्खियों में आने पर उन्हें उसी दिन हटा दिया गया था।

इससे पहले नीतीश ने जीतन राम मांझी को भी आरोप लगने पर एक बार अपने मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया था और फिर पाक पाए जाने पर दोबारा शामिल किया। इसी तरह 2008 में आने मंत्री आर एन सिंह को भी नीतीश कुमार के आदेश पर मंत्रिपद से मुक्त होना पड़ा और आरोप मुक्त होने पर दोबारा आने का मौका भी मिला।

कार्तिक कुमार राजद कोटे से मंत्री हैं, इसलिए आरोपों पर इतने हंगामे के बावजूद गठबंधन धर्म के नाते नीतीश कुमार सीधे उनपर कार्रवाई नहीं कर रहे थे। राजद ने उन्हें हटाने की जगह विभाग बदलने की सहमति दी, जिसके बाद यह फैसला आया।

कार्तिक कुमार पर पटना से सटे दानापुर इलाके के बिल्डर के अपहरण का आरोप है। मंत्री बनने से एक महीना पहले उनके खिलाफ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दानापुर ने वारंट जारी किया था। समर्पण की जगह उन्होंने जमानत अर्जी दी, जिसपर 1 सितंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी। इसी बीच बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने NDA से निकल महागठबंधन की सरकार बनाई तो RJD ने मंत्रिमंडल में अपने कोटे से उन्हें मंत्री भी बनवाया और विधि विभाग भी दिलवा दिया। कार्तिक कुमार बाहुबली अनंत सिंह के बेहद करीबी हैं। अनंत फिलहाल जेल में हैं और अपराध के आधार पर ही उनकी विधायकी छीनी जा चुकी है। उनकी मोकामा सीट पर अब पंचायत चुनाव के साथ ही विधानसभा उप चुनाव का वोट भी पड़ने के आसार हैं।

कार्तिक कुमार को मंत्री बनाए जाते के साथ मीडिया में उनपर लगे आरोपों की खबरें आ गई थीं। बाद में विपक्ष ने कार्तिक को विधि मंत्री बनाए जाने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल उठाए थे। भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कार्तिक कुमार के साथ महागठबंधन के कई मंत्रियों पर लगे दाग रोज गिना रहे हैं। इस बीच, कार्तिक कुमार का विभाग बदलने का फैसला लेकर मुख्यमंत्री ने इस हंगामे को कुछ शांत करने की कोशिश की है। कोर्ट के अंतिम फैसले में अगर कार्तिक को सजा दी जाती है तो तय माना जा सकता है कि वह गन्ना उद्योग मंत्री की कुर्सी से भी मुक्त कर दिए जाएंगे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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