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Bihar: मुकेश सहनी पर नीतीश का बड़ा कदम, मंत्री पद से हटाने की सिफारिश, भाजपा ने चुकाया हिसाब

Bihar Politics: मुकेश सहनी के खिलाफ भाजपा (BJP) ने मोर्चा खोल रखा है। इस बीच सीएम नीतीश कुमार ने सहनी को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश कर दी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 27 March 2022 4:26 PM GMT
Bihar: मुकेश सहनी पर नीतीश का बड़ा कदम, मंत्री पद से हटाने की सिफारिश, भाजपा ने चुकाया हिसाब
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मुकेश सहनी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Bihar Politics: विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया और बिहार के मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बड़ा कदम उठाया है। सहनी के खिलाफ भाजपा (BJP) ने मोर्चा खोल रखा है। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में सहनी को तत्काल मंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी। भाजपा की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन को चिट्ठी लिखकर सहनी को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश कर दी है।

राज्य विधानसभा में वीआईपी का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो चुका है और पार्टी के तीन विधायक पिछले दिनों भाजपा में शामिल (VIP MLA Joined BJP) हो गए थे। अभी तक सियासी हलकों में यह उम्मीद की जा रही थी कि सहनी खुद मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे मगर वे मंत्री पद का रुतबा छोड़ने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। इसी के बाद मुख्यमंत्री की ओर से राजभवन को सिफारिश भेजी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही सहनी की मंत्री पद से बर्खास्तगी हो सकती है।

मंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं

बिहार (Bihar) में इन दिनों सहनी को लेकर सियासी हलचल काफी तेज है। बोचहां विधानसभा सीट (Bochahan Vidhan Sabha Seat) पर अपना प्रत्याशी उतारकर सहनी ने भाजपा को नाराज कर दिया है। इसके पहले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कई सीटों पर भाजपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे थे। उसी समय से भाजपा की नजरें सहनी पर टेढ़ी हो गई थीं और अब उसका नतीजा दिखाई पड़ने लगा है।

वैसे यह भी सच्चाई है कि सियासी रूप से सहनी अब काफी कमजोर हो चुके हैं। इसके बावजूद वे मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं है। इसी कारण भाजपा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें मंत्री पद से हटाने का दबाव बनाया था। भाजपा की मांग पर नीतीश कुमार ने भी अब सहनी को हटाने की सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है।

मुकेश सहनी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

तीन विधायक पहले ही छोड़ चुके हैं साथ

भाजपा ने पिछले दिनों सहनी को बड़ा सियासी झटका देते हुए वीआईपी के 3 विधायकों को पार्टी में शामिल कर लिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में वीआईपी के चार विधायक चुने गए थे। पिछले दिनों पार्टी के एक विधायक मुसाफिर पासवान का निधन हो गया था और उन्हीं की रिक्त बोचहां सीट पर इन दिनों उपचुनाव के लिए प्रचार का काम जोरों पर चल रहा है। पार्टी के बाकी तीन विधायकों ने सहनी का साथ छोड़ते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसी के साथ विधानसभा में वीआईपी का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो गया है।

तीन विधायकों के साथ छोड़ने के बावजूद सहनी ने मंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी कहा था कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें हटाने का फैसला लेते हैं तो उन्हें यह फैसला मंजूर होगा।

यूपी चुनाव से पैदा हुई तनातनी

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के समय से ही सहनी के भाजपा से रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। उन्होंने प्रदेश की 53 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ वीआईपी के उम्मीदवार उतार दिए थे। बलिया की बैरिया सीट पर उन्होंने भाजपा के बागी सुरेंद्र सिंह को टिकट दिया था। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तो सहनी को कुछ हासिल नहीं हुआ मगर इसके बावजूद उनके तेवर ढीले नहीं पड़े और वे भाजपा के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए थे।

उन्होंने बिहार के एमएलसी चुनाव में भी 7 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सहनी के रवैए से नाराज होकर ही भाजपा ने वीआईपी के कोटे वाली बोचहां विधानसभा सीट पर बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा से बैर मोल लेने के बाद अब सहनी की विधान मंत्री पद से जल्द ही विदाई तय मानी जा रही है। अगर उन्होंने मंत्री पद नहीं छोड़ा तो उनकी बर्खास्तगी तय है।

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