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Loudspeaker Controversy: लाउडस्पीकर विवाद से नीतीश ने कसा किनारा, भाजपा का दबाव मानने को तैयार नहीं

Loudspeaker Controversy: नीतीश कुमार की सरकार भाजपा (BJP) के समर्थन पर ही चल रही है और भाजपा के कई नेताओं की ओर से मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की जा चुकी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 30 April 2022 12:50 PM GMT
Loudspeaker Controversy: लाउडस्पीकर विवाद से नीतीश ने कसा किनारा, भाजपा का दबाव मानने को तैयार नहीं
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Patna News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर (loudspeaker) हटाने के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस बाबत हमें अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस संबंध में सभी को हमारी राय के बारे में अच्छी तरह जानकारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम कभी भी किसी के धार्मिक मामले में दखलअंदाजी करने के पक्षधर नहीं हैं।

मजे की बात यह है कि नीतीश कुमार की सरकार भाजपा (BJP) के समर्थन पर ही चल रही है और भाजपा के कई नेताओं की ओर से मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की जा चुकी है। वैसे नीतीश कुमार के रुख से स्पष्ट हो गया है कि वे इस मामले में भाजपा का दबाव मानने के लिए तैयार नहीं है। सियासी जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार ने हाल में कई इफ्तार पार्टियों में शिरकत की है और वे जदयू के प्रति मुस्लिमों के समर्थन को लेकर काफी सतर्क नजर आ रहे हैं।

किसी के धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं

हाल के दिनों में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग के बाद विवाद पैदा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi) के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी के दौरान पत्रकारों की ओर से नीतीश से बिहार के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के मुद्दे पर सवाल पूछे गए। इसके जवाब में नीतीश कुमार ने अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि जदयू किसी भी धर्म के मामले में हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं है।

उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग को पूरी तरह फालतू बताते हुए कहा कि हम बिहार में इस तरह की मांग का समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा और उसके सहयोगियों की ओर से इस तरह की मांग की जा रही है मगर वे इसके पक्ष में कतई नहीं है। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों की ओर इशारा करते हुए किसी का नाम तो नहीं लिया मगर इतना जरूर कहा कि जिसे जो बयान देना हो वह देता रहे मगर हम ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे।

दबाव बनाने में जुटी है भाजपा

नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर अपनी राय पूरी तरह स्पष्ट कर दी है मगर दूसरी ओर भाजपा की ओर से इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि नीतीश कुमार इस मामले में भाजपा का दबाव मानने को तैयार नहीं है। नीतीश के मंत्रिमंडल में खान मंत्री जनक राम की ओर से मस्जिदों में से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की जा चुकी है। शुक्रवार को भी उन्होंने अपनी यह मांग दोहराई। जनक राम के अलावा भाजपा के कई नेता और विधायक भी बिहार में इस तरह की मांग उठाते रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।

नीतीश को अपने मुस्लिम वोट बैंक की चिंता

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के इस बयान पर अभी भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि नीतीश के इस बयान से भाजपा नाराज हो सकती है। भाजपा के नेता और राज्य के वरिष्ठ मंत्री शाहनवाज हुसैन का कहना है कि लाउडस्पीकर का ईजाद होने से पहले से ही लोग पूजा और अजान करते रहे हैं। इसलिए लाउडस्पीकर को इस विवाद से जोड़ने से कोई फायदा नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि नाहक अजान को लाउडस्पीकर से जोड़ा जा रहा है जबकि इसका कोई मतलब ही नहीं है।

जदयू (JDU) की राजनीति पर निगाह रखने वालों का मानना है कि नीतीश कुमार हाल के दिनों में इफ्तार पार्टियों में काफी सक्रिय रहे हैं और उनकी चिंता मुस्लिम वोट बैंक को लेकर है। इसी कारण उन्होंने लाउडस्पीकर विवाद से किनारा कर लिया है।

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