TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Bihar News: बढ़ने वाली है नीतीश कुमार की मुश्किलें ! मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत CJM कोर्ट ने स्वीकारी

Bihar News: बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने साल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था। इसी कानून को लेकर अधिवक्ता सुशील सिंह ने मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री के खिलाफ परिवाद दायर किया है।

aman
Written By aman
Published on: 8 Sept 2023 10:54 PM IST (Updated on: 8 Sept 2023 11:04 PM IST)
Bihar News
X

CM Nitish Kumar

Bihar News : बिहार के मुजफ्फरपुर की अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट (CJM Court) में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सहित अन्य के खिलाफ परिवाद (Complaint) दायर किया गया। कोर्ट ने शिकायत स्वीकार कर लिया। सीएम नीतीश कुमार के अलावा उत्पाद आयुक्त विनोद सिंह गुंजियाल सहित राज्य के सभी उत्पाद अधीक्षकों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है।

अधिवक्ता सुशील सिंह (Advocate Sushil Singh) ने RTI के तहत जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा मांगा था। जिसके जवाब में उन्हें बताया गया कि अब तक 243 लोगों की मौत हुई है। इस जवाब के बाद वकील सुशील सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत (CJM Court) में परिवाद दायर किया।

जहरीली शराब से 243 की मौत, गैर इरादतन हत्या का आरोप

अधिवक्ता सुशील सिंह ने परिवाद पत्र (Complaint Letter) में कहा है कि, शराबबंदी कानून सही ढंग से और बिना जागरूकता के लागू होने की वजह से अब तक 243 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। अधिवक्ता ने सीएम नीतीश कुमार सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ 243 लोगों की गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया है। आरोप में भारतीय दंड विधि की धारा-304,120 (बी), 34 के तहत परिवाद दायर कराया है। इस शिकायत को CJM कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। परिवाद में कहा गया है कि 2016 में शराबबंदी कानून लागू हुआ था। उसके पहले ना किसी प्रकार की तैयारी की गई और न लोगों को जागरूक किया गया।

शिकायतकर्ता- 'बिहार में दो तरह का शराबबंदी कानून'

परिवाद पत्र में अधिवक्ता ने कहा है कि, शराबबंदी के बावजूद बिहार के बड़े नेताओं, नौकरशाहों, पूंजीपति, डॉक्टर, इंजीनियर और माफिया महंगे शराब का लुत्फ उठा रहे हैं। उनके विरुद्ध आंशिक कार्रवाई हो रही है। वहीं, सस्ती और जहरीले शराब पीकर बिहार के साधन विहीन गरीबों की मौत हो। कुछ को शारीरिक क्षति भी पहुंची है। शेष बिहार के लाखों गरीब तबके के लोग जेल भेजे जा रहें हैं। इसी से स्पष्ट होता है कि बिहार में दो तरह का शराबबंदी कानून है। बिहार के साधन विहीन लोगों के लिए अलग और साधन संपन्न के लिए अलग। शिकायतकर्ता का कहना है इस कानून ने बिहार में एक नए प्रकार के अपराध को जन्म दिया है।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story