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Caste Census In Bihar: जाति जनगणना के आंकड़े पर कांग्रेस के बाद अब जदयू सांसद ने उठा दिया सवाल, सीएम नीतीश से की ये मांग

Caste Census In Bihar: पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा पहले ही जातीय जनगणना के आंकड़े पर सवाल खड़े कर चुके हैं। वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता ने तो सीएम नीतीश से कुर्सी छोड़ने तक की मांग डाली।

Krishna Chaudhary
Published on: 5 Oct 2023 3:44 PM IST (Updated on: 5 Oct 2023 3:45 PM IST)
Congress leader demands resignation from CM Nitish over Bihar caste census data
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बिहार जाति जनगणना के आंकड़े पर कांग्रेस नेता ने सीएम नीतीश से इस्तीफे की मांग की: Photo- Social Media

Caste Census In Bihar: बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद राजनीति गरमाई हुई है। लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महागठबंधन का इसे बड़ा दांव माना जा रहा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद इसे बीजेपी के खिलाफ बड़े सियासी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। वहीं, बीजेपी इसे लेकर बैकफुट पर नजर आ रही है। हालांकि, समस्या सत्ताधारी महागठबंधन में भी कम नहीं है।

पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा पहले ही जातीय जनगणना के आंकड़े पर सवाल खड़े कर चुके हैं। वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता ने तो सीएम नीतीश से कुर्सी छोड़ने तक की मांग डाली। इस बीच अब बिहार में सरकार की अगुवाई कर रही जदयू के किसी नेता ने जातीय जनगणना के आंकड़े पर सवाल खड़ा किया है। जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि इसमें तेली समाज की गणना ठीक से नहीं की गई है।

तेली समाज की गिनती ठीक से नहीं हुई

सीतामढ़ी सीट से लोकसभा सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जातिगत गणना में जो आंकड़े तेली समाज की संख्या को लेकर पेश किए गए हैं, हकीकत में तेली समाज की आबादी उससे कहीं अधिक है। लोग उन्हें फोन करके बता रहे हैं कि समाज के लोगों की गिनती ठीक से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी, फिर सीएम नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

दोबारा गणना कराने की मांग

जदयू सांसद पिंटू जो कि स्वयं तेली समाज से आते हैं, ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जिलेवार आंकड़ा रखा जाएगा, जिसके आधार पर जातीय गणना की रिपोर्ट की जांच करने और दोबारा गणना कराने की मांग की जाएगी। उन्होंने साथ ही दावा किया कि मैं इसको लेकर कोई राजनीति नहीं कर रहा हूं। बस अपने समाज (तेली) के लिए इंसाफ की बात कर रहा हूं।

कांग्रेस नेता भी उठा चुके हैं सवाल

बिहार सरकार द्वारा जो जातियों के आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं, उसके मुताबिक राज्य में सवर्णों की आबादी तेजी से घटी है। सवर्ण जातियों की आबादी 17 प्रतिशत से घटकर 11 प्रतिशत पर आ गई है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता अनिल शर्मा ने कहा कि नीतीश सरकार की जातीय गणना रिपोर्ट में हेराफेरी की गई ऐसा प्रतीत होता है।



इसके अलावा विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी जाति गणना के आंकड़े पर सवाल खड़े कर चुके हैं। बता दें कि बिहार सरकार द्वारा जारी जातिगत गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में ईबीसी 36.01 प्रतिशत, ओबीसी 27 प्रतिशत, दलित 19.65 प्रतिशत, एसटी 1.68 प्रतिशत और सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं। पिछड़ों में सबसे बड़ी आबादी यादवों 14.26 प्रतिशत है। राज्य में हिंदुओं की आबादी 81.99 प्रतिशत और मुसलमानों की आबादी 17.7 प्रतिशत है।



Shashi kant gautam

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