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Criminal Bindu Singh: कुख्यात बिंदु सिंह की मौत, 1987 से जेल में था कैद
Criminal Bindu Singh: बिंदु सिंह की मौत की खबर सुनते ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान पीएमसीएच में करीब 200 लोगों की भीड़ देखी गई।
Criminal Bindu Singh: बिहार, बंगाल और झारखंड में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात बिंदु सिंह की मौत हो चुकी है। वह 1987 से जेल में कैद था। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बेउर जेल प्रशासन ने बिंदु सिंह को पीएमसीएच में भर्ती करवाया। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित था। शनिवार देर शाम उसने पीएमसीएच में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बिंदु सिंह की मौत की खबर सुनते ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान पीएमसीएच में करीब 200 लोगों की भीड़ देखी गई। बिंदू सिंह जहानाबाद के दौलतपुर गांव का रहने वाला था। हालांकि, उसका परिवार कंकड़बाग की पीसी कालोनी में रहता है।
बिंदु सिंह पर हत्या रंगदारी और अपहरण के करीब 80 मामले दर्ज थे। इनमें से 35 मामलों की सुनवाई पटना, जहानाबाद, गया और झारखंड के कोर्ट में हो रही थी। बिंदु सिंह सबसे पहले 1987 में जेल गया पहले वह जहानाबाद जेल में रहा। इसके बाद पटना के बांकीपुर फिर धनबाद बोकारो और अंतिम में बेउर जेल में बंद रहा। बिंदु सिंह पर कई बार पटना के कोचिंग संचालकों नामचीन डॉक्टरों से रंगदारी वसूलने के भी आरोप लगे। आरोप यह भी थे कि वह जेल से ही अपना गैंग ऑपरेट करता था। उसके गुर्गे अलग-अलग जगह पर फैले थे। और यहीं से वह आतंक का दुनिया चलाता था।
सेना में भर्ती हुआ था कुख्यात बिंदु सिंह
कहा जा रहा है कि बिंदु सिंह 1978 में सेना में भर्ती हुआ था। वह बचपन से ही फौज में जाना चाहता था। लेकिन 1982 में नक्सलियों ने उसके माता-पिता और बहन को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद बिंदु सिंह ने फौज की नौकरी छोड़ दी और हत्यारों को सजा देने की ठान ली। इस कांड में दौलतपुर गांव के बगल के निवासी कुख्यात नक्सली गुड्डू शर्मा का नाम आया था। बिंदु सिंह ने गुड्डू शर्मा से ही बदला लेने के लिए अपना गैंग बनाया और कई बार दोनों के बीच गैंगवार भी हुए। इस गैंगवार में कई लोगों की जानें भी गई। हालांकि गिरोह के अन्य सदस्य के बीच वर्चस्व और धन को लेकर विवाद हुआ और उसका गिरोह बहुत ज्यादा दिन नहीं चल पाया। इसके बाद बिंदु सिंह ने बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमाई, लेकिन चुनाव हार गया। जब हार्डिंग रोड में निजी बस स्टैंड था, तब उसके ही एजेंट वाहन मालिकों से रकम वसूलता था। इसको लेकर स्टैंड पर कई बार फायरिंग हुई थी। पटना के जेल में कैद रहने के दौरान कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। 2005 में जेलर की हत्या में भी उसका नाम आया था। इसके बाद बिंदु सिंह जब पटना के बेउर जेल में बंद हुआ तो यहां से वह अपना गुर्गा चलाता था।