TRENDING TAGS :
Bihar News: लालू के करीबी सुभाष यादव को ED ने किया गिरफ्तार, 2.30 करोड़ कैश जब्त
Bihar News: प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) ने पटना के पास दानापुर में सुभाष यादव के आवास से 2.30 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए।
Bihar News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव करीबी सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने रेत खनन में शामिल सुभाष यादव और उनके सहयोगियों से जुड़े 8 परिसरों पर शनिवार सुबह से छापेमारी कर रही थी। जांच के दौरान 2.30 करोड़ कैश और जमीन से जुड़े कई जरुरी कागजात बरामद हुए हैं। वहीं सुभाष यादव की गिरफ्तार के बाद राजद खेमे में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि ईडी ने पटना के पास दानापुर में सुभाष यादव के आवास से 2.30 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए। सुभाष यादव राजद के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह बिहार में कथित तौर पर अवैध रेत खनन में शामिल कंपनी मेसर्स ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। ईडी की यह कार्रवाई बिहार पुलिस द्वारा मेसर्स ब्रॉडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीपीएल) और उसके निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद हुई है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि कंपनी ई-चालान का उपयोग किए बिना अवैध खनन और रेत की बिक्री में लगी हुई है।
जांच से पता चला कि रेत की अवैध बिक्री के माध्यम से लगभग 161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई। आयकर विभाग द्वारा एमएलसी बिनोद जयसवाल से जुड़े परिसरों की तलाशी के एक दिन बाद राजद नेता सुभाष यादव के खिलाफ छापेमारी और अंततः गिरफ्तारी हुई।
RJD ने केंद्र सरकार पर बोला हमला
सुभाष यादव को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद, राजद प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होने कहा कि भाजपा के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि एजेंसियां स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही हैं और भ्रष्टाचार के कारण विपक्षी नेता रडार पर आ रहे हैं। उन्होने कहा कि अगर सब कुछ इतना निष्पक्ष है, तो अजित पवार के खिलाफ कुछ छापे मारे जाएं, जिन पर किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70,000 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में, यादव ने झारखंड के छत्रा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा, हालांकि, वह हार गए। 3 मार्च को उन्हें पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन की जन विश्वास महारैली में देखा गया था।