TRENDING TAGS :
Ramai Ram Passed Away: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम का निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस
Ramai Ram Passed Away: रमई राम की छवि जुझारू दलित नेता के रूप में रही। उन्होंने न्यायपालिका में आरक्षण देने का मुद्दा उठाय़ा था। दिल्ली में धरना-प्रदर्शन भी किया था।
Ramai Ram Passed Away: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम का निधन (Ramai Ram Passed Away) हो गया। उन्होंने पटना के जयप्रभा मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। नौ बार बिहार विधानसभा चुनाव जीत चुके रमई राम 79 वर्ष के थे। वे बोचहां विधानसभा से वे चुनाव जीतते थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री मंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। रमई राम (Ramai Ram Passed Away) की छवि जुझारू दलित नेता के रूप में रही। उन्होंने न्यायपालिका में आरक्षण देने का मुद्दा उठाय़ा था। दिल्ली में धरना-प्रदर्शन भी किया था।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि रमई राम राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में लंबे समय तक मंत्री रहे। उन्होंने मेरे साथ मेरे मंत्रिमंडल सहयोगी के रूप में मंत्री पद की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। वे एक कुशल राजनेता और समाजसेवी थेू। सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी अभिरूचि थी। दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए वे लगातार सक्रिय थे। वे मिलनसार व्यक्ति थे। उनके निधन (Ramai Ram Passed Away) से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे हमारा बेहद पुराना रिश्ता था। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचा है, मैं मर्माहत हूं। स्व. रमई राम जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
40 साल तक विधायक और 20 साल मंत्री रहे
बता दें कि रमई राम के समर्थक उनके बारे में कहते थे कि वे 40 साल तक विधायक और 20 साल मंत्री रहे। इतने अधिक समय तक मंत्री व विधायक अब तक कोई भी नहीं रहा। 20 वर्षों तक वे बिहार सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने पार्टियां खूब बदलीं। वर्ष 1980 से चुनावी सफर की शुरूआत कर उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद 1985 में लोकदल, 1990 और 1995 में जनता दल से चुनाव लड़े। वर्ष 2000 और वर्ष 2005 में राष्ट्रीय जनता दल से लड़े। 2010 में रमई राम ने जदयू का दामन थामा और जदयू के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। रमई राम की छवि जुझारू दलित नेता की रही। उन्होंने न्यायपालिका में आरक्षण देने का मुद्दा ताकत के साथ उठाय़ा था। दिल्ली में धरना-प्रदर्शन भी किया था।