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Bihar: ‘सत्ता में आए तो शराबबंदी समाप्त कर देंगे’, मांझी का बड़ा ऐलान, बीजेपी ने बनाई दूरी
Bihar News: शराबबंदी के खिलाफ लगातार आवाज उठाने पर पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है।
Bihar News: ड्राई स्टेट बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि अब राज्य में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। शराब माफियाओं और पुलिस के बीच गठजोड़ से यह अवैध व्यापार खूब फल-फूल रहा है। राज्य में प्रति दिन भारी मात्रा में शराब की खेप पकड़ाती है। शराबबंदी के खिलाफ लगातार आवाज उठाने पर पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है।
मांझी ने कहा कि अगर बिहार में उनकी सरकार आई तो शराबबंदी समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने इस कानून के नाम पर दलितों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जीतन मांझी ने कहा कि शराबबंदी में जो बंदी हैं, उनमें 80 प्रतिशत दलित हैं। ये वो लोग हैं, जो एक पौआ पीकर शाम में घर जाते हैं। इन लोगों को इन्होंने जेल में बंद कर रखा है।
सीएम नीतीश पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 रूपया कमाने वाले 2-3 हजार रूपये कहां से देगा। इसलिए वो जेल चला जाता है। सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। पहले 2005 से 2015 तक गांव-गांव शराब बेचने का लाइसेंस दे दिया और अब नाटक कर रहे हैं। यह सब दलित को परेशान करने की साजिश है। मेरी सरकार आएगी तो हम लोग या तो शराबबंदी को लागू करेंगे या यूं ही छोड़ देंगे।
बीजेपी ने मांझी के बयान से बनाई दूरी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी पर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। महागठबंधन में नीतीश कुमार के साथ रहते हुए भी इस पर सवाल उठाने से पीछे नहीं हटते थे। बीते साल उन्होंने कहा था कि रात 10 बजे के बाद बड़े-बड़े अधिकारी, मंत्री, विधायक और सांसद सब अच्छी शराब पीते हैं। इस पर खूब हंगामा हुआ था।
मांझी फिलहाल एनडीए के साथ हैं। यहां भी इस मुद्दे पर बीजेपी और उनके बीच एक राय बनती नजर नहीं आ रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अपने सहयोगी के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि बीजेपी पूर्ण रूप से शराबबंदी के पक्ष में है। आगे भी शराबबंदी जारी रहेगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अप्रैल 2016 को बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था। लाखों लोग इस कानून के बनने के बाद जेल में बंद हैं। अदालतों पर मुकदमों का बोझ बढ़ने के बाद पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लताड़ भी लगाई थी। आरोप है कि शराबबंदी के बाद पुलिस में भ्रष्टाचार एक नए स्तर पर पहुंच गया है। तमाम आलोचनाओं और विफलताओं के बावजूद सीएम नीतीश इस कानून के समर्थन में चट्टान के साथ खड़े हैं।