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Gaya Pitru Paksh 2022: विष्णुपद मंदिर जाने के लिए अब नहीं बनेंगे वाहनों के VIP पास, सभी जाएंगे पैदल

Gaya Pitru Paksh 2022: बैठक में कहा गया, कि क्षेत्र को प्रदूषण रहित, नो हॉर्न जोन, नो पॉल्यूशन जोन, नो व्हीकल जोन बनाया जाए।

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Newstrack Network
Published on: 6 Sept 2022 3:08 PM IST
gaya pitru paksha 2022 vip passes of vehicles will no longer be made to go to vishnupad temple
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Gaya Pitra Paksh 2022 (Social Media)

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Gaya Pitra Paksh 2022: विष्णुपद मंदिर और घाट जाने के लिए अब नहीं बनेंगे वाहनों के VIP पास, सभी जाएंगे पैदलगया के पितृपक्ष मेले में देश-विदेश के कोने-कोने से लोग पिंडदान करने आते हैं। पिंडदान की अवधि में 15 दिन गया के 'विष्णुपद मंदिर' (Vishnupad Temple Gaya) के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र रहता है जिसमें आम आदमियों को पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचना होता है। परंतु, इस अवधि में पूर्व के समय लोगों को वीआईपी पास दिए जाने की व्यवस्था रही है जिसके कारण समाज के कई लोगों के द्वारा आपत्ति जताई गई है।

आपको बता दें कि, पिंडदान करने लोग जिस रास्ते से जाते हैं, वह बहुत ही सकरा रास्ता है। जिसमें 'पितृपक्ष मेला' की अवधि में 15 दिन पिंडदान करने वालों का सैलाब पूरे रास्ते में रहता है। परंतु, वीआईपी लोगों को वीआईपी वाहन पास दिए जाने की वजह से खचाखच भीड़ वाले रास्ते में पिंडदानियों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिस कारण कई लोगों द्वारा वीआईपी पास बंद किए जाने की मांग उठाई गई।

VIP गाड़ियों से होती है मुश्किल

इस संबंध में विष्णुपद मंदिर समिति के सदस्यों, शहर के गणमान्य व्यक्तियों, बुद्धिजीवी वर्ग, एवं शांति समिति के सदस्यों के साथ समाहरणालय सभाकक्ष गया में अनुमंडल पदाधिकारी गया सदर, जिला परिवहन पदाधिकारी गया, पुलिस उपाधीक्षक नगर एवं पुलिस उपाधीक्षक यातायात के द्वारा गणमान्य लोगों के साथ बैठक बुलाई। बैठक में सभी लोगों ने कहा कि, पितृपक्ष के समय गया देश-विदेश के कोने-कोने से लोग आते हैं। उस वक़्त पिंड दान करने वाले ही VIP होते हैं, जो पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं। उन्हें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इसलिए खचाखच भीड़ वाले उन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी पास की व्यवस्था को हटाया जाना चाहिए।

VIP पास वाले होते हैं 'खास', 'आम' को होती है दिक्कतें

आम पिंडदानी जो दूर-दराज से आते हैं उन्हें कोई असुविधा नहीं हो। इस बैठक में कुछ सदस्यों के द्वारा बताया गया कि, मेला क्षेत्र के इन भीड़-भाड़ वाले जगहों पर जब भी वीआईपी पास वाली गाड़ियां आती हैं, तो लगातार हॉर्न बजाकर आम आदमी को हटाया जाता है, जो उचित नहीं है। इसलिए सदस्यों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई कि इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी वाहनों को पास को दिए जाने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए।

'नो व्हीकल जोन' बनाए जाने पर सहमति

बैठक में ये भी कहा गया कि इस क्षेत्र को प्रदूषण रहित, नो हॉर्न जोन, नो पॉल्यूशन जोन, नो व्हीकल जोन बनाया जाए। बैठक में सहमति व्यक्त की गई कि सभी लोग आम आदमी की तरह चांद चौराहा एवं बंगाली आश्रम में अपनी गाड़ी छोड़कर मंदिर एवं घाट तक पैदल जाएं। वृद्ध जन एवं दिव्यांगों जरूरतमंदों के लिए ई रिक्शा की व्यवस्था की जानी चाहिए। आवश्यकता अनुसार ई-रिक्शा से मंदिर तक जाया जा सके।

प्रशासन के लोग भी आम आदमी की तरह जाएं

आपको बता दें कि, प्रशासन के द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र के नजदीक लगभग 700 गाड़ियों के लिए कोलरा हॉस्पिटल में वाहन पार्किंग बनाया जा रहा है। बैठक में इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि प्रशासन के लोग भी चांद चौरा एवं बंगाली आश्रम पर उतर कर पैदल ही आम आदमी की तरह विष्णुपद मंदिर जाएं। इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा निःशुल्क ई रिक्शा की सेवा मेला अवधि तक प्रदान किया जाएगा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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