ISI का स्लीपर सेल और जाली नोटों का अंतरराष्ट्रीय सरगना मोतिहारी से गिरफ्तार, पाकिस्तान-चीन-मलेशिया से जुड़े तार

Bihar : गिरफ़्तारी के वक़्त सुधीर कुशवाहा को जाली नोट तस्कर के रूप में ही देखा जा रहा था। लेकिन, पुलिसिया पूछताछ के दौरान उसने चौंकाने वाले खुलासे किए उसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई।

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Published on: 9 July 2022 9:52 AM GMT
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जाली नोटों का अंतरराष्ट्रीय सरगना सुधीर कुशवाहा मोतिहारी से गिरफ्तार

बिहार (Bihar) के मोतिहारी जिले से गिरफ्तार जाली नोट तस्कर के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से जुड़ते नजर आए हैं। गिरफ्तार तस्कर आईएसआई (ISI) का स्लीपर सेल है। इस बात के खुलासे से सब दंग हैं। आपको बता दें कि, मुजफ्फरपुर जिला पुलिस ((Muzaffarpur Police)) ने गुरुवार को बीते 7 सालों से फरार चल रहे सुधीर कुशवाहा (ISI Sleeper Cell Sudhir Kushwaha) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इसके पास से 1.54 लाख जाली भारतीय रुपए व एक अपाची बाइक बरामद की।

हालांकि, गिरफ़्तारी के वक़्त सुधीर कुशवाहा को जाली नोट तस्कर के रूप में ही देखा जा रहा था। लेकिन, पुलिसिया पूछताछ के दौरान उसने चौंकाने वाले खुलासे किए उसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई।

मिले अंतरराष्ट्रीय तार

सुधीर कुशवाहा (ISI Sleeper Cell Sudhir Kushwaha) का कनेक्शन केवल पाकिस्तान (Pakistan) से ही नहीं है। पाकिस्तान के अलावा उसके तार चीन (China), मलेशिया (Malaysia) और दुबई (Dubai) से भी जुड़े हैं। वह ISI के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहा था। वह बिहार और नेपाल (Nepal) में अपना नेटवर्क फैला रहा था। पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ महिनों में मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी सहित अन्य जगहों पर पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नकली भारतीय मुद्रा की कई खेपों की बरामदगी की गई थी।

सुधीर की पहले भी कई बार हो चुकी है गिरफ्तारी

बता दें कि, पहली बार सुधीर कुशवाहा को साल 2005 में दिल्ली के एक होटल से जाली नोट की खेप में साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बार फिर पुलिस ने उसे साल 2014 में 50 लाख के जाली नोट के केस में नामजद किया। तब से वह फरार चल रहा था। वर्ष 2016 में एक कुकर ब्लास्ट केस में भी सुधीर कुशवाहा का नाम सामने आया था।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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