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Bihar: आरसीपी को लेकर घमासान तेज, JDU का टिकट कटना तय, अब नीतीश के फैसले पर टिकीं निगाहें
Bihar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह का टिकट काटने का फैसला कर लिया है। वे नामांकन के आखिरी दौर में ही अपने पत्ते खोलेंगे और पार्टी के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेंगे।
Bihar: बिहार में राज्यसभा चुनाव को लेकर जदयू(JDU) में सियासी घमासान तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह(RCP Singh) के राज्यसभा जाने पर अभी तक सस्पेंस कायम है। इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी आखिरी फैसला करना है मगर नीतीश कुमार ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। मंगलवार को चुनावी अधिसूचना जारी होने के साथ ही राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होना है।
बिहार विधानसभा में सीटों की संख्या को देखते हुए जदयू(JDU) सिर्फ एक सीट पाने की स्थिति में है। केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह(RCP Singh) का कार्यकाल जुलाई के पहले हफ्ते में समाप्त हो रहा है और वे जदयू कोटे की एकमात्र सीट पर प्रबल दावेदारी करने में जुटे हुए हैं।
जदयू से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने आरसीपी सिंह का टिकट काटने का फैसला कर लिया है। वे नामांकन के आखिरी दौर में ही अपने पत्ते खोलेंगे और पार्टी के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेंगे।
नीतीश कुमार(Nitish Kumar) का कहना है कि इस मुद्दे पर जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है। समय आने पर उचित फैसला लिया जाएगा। नीतीश के इस बयान को आरसीपी का टिकट काटने का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
आरसीपी भी बना रहे हैं आगे की रणनीति
जदयू का टिकट हासिल करने के लिए आरसीपी सिंह (RCP Singh) कई दिनों से राजधानी पटना में डेरा डाले हुए हैं। उनके आवास पर समर्थकों की भीड़ भी जुटी रही है और टिकट कटने की आशंका से आगे की रणनीति पर चर्चा भी की जा रही है। समर्थकों की ओर से आरसीपी का टिकट कटने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। इस धमकी के जरिए आरसीपी समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई जा रही है।
नीतीश कुमार की ओर से अभी तक टिकट को लेकर कोई घोषणा न किए जाने के कारण आरसीपी के खेमे को टिकट कटने का डर जरूर सता रहा है। हालांकि आरसीपी खुद नीतीश कुमार को पार्टी का सर्वमान्य नेता बताने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि जदयू में नीतीश कुमार(Nitish Kumar) का फैसला ही आखिरी होता है और उनका फैसला पार्टी के हर खेमे को स्वीकार होता है।
नीतीश कुमार ने नहीं खोले पत्ते
दूसरी ओर जदयू में पिछले कई दिनों से बैठकों का दौर चल रहा है। सोमवार को भी जनता दल यू की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार का फैसला हो जाएगा मगर इस बैठक के बाद भी जदयू ने अपने उम्मीदवार को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं।
बैठक के बाद आरसीपी के टिकट के संबंध में सवाल पूछे जाने पर नीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने कहा कि आप लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। पार्टी की ओर से इस बाबत समय पर फैसला कर लिया जाएगा।
जदयू की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टिकट पर आखिरी फैसला लेने के लिए पहले ही अधिकृत किया जा चुका है। जदयू में महत्वपूर्ण मुद्दों पर नीतीश कुमार ही आखिरी फैसला लेते हैं और अब सबकी निगाहें उनके फैसले पर ही टिकी हुई हैं।
नीतीश कुमार की यह है रणनीति
आरसीपी का टिकट कटने की स्थिति में जदयू की ओर से कई दावेदारों के नाम लिए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि नीतीश इस सीट पर नौकरशाह मनीष वर्मा को भेजना चाहते हैं। हालांकि नीतीश कुमार सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं और उनका मन पढ़ना किसी के लिए आसान काम नहीं होता।
वैसे उनके रुख से एक बात तो साफ लग रही है कि वे आरसीपी का पत्ता काटने का मन बना चुके हैं। आरसीपी की पिछले दिनों भाजपा से बढ़ी नजदीकी के कारण भी नीतीश कुमार इस फैसले को टालते हुए लग रहे हैं। दरअसल नीतीश आरसीपी के सामने ज्यादा विकल्प नहीं छोड़ना चाहते ताकि वे दूसरे दलों के साथ मोल चाल करके आगे की रणनीति न बना सकें।
विधायकों को पटना में रहने का फरमान
नीतीश कुमार की ओर से पार्टी के विधायकों को तीन दिनों तक पटना में ही जमे रहने का निर्देश भी दिया गया है। हालांकि इसे जातीय जनगणना पर 27 मई को होने वाली सर्वदलीय बैठक से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल जातीय जनगणना के मुद्दे पर भाजपा का विरोधी रुख नीतीश की मुसीबत में बढ़ाने वाला है। नीतीश इस मुद्दे पर अपनी पूरी पार्टी को एकजुट रखना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने विधायकों को पटना में ही जमे रहने का फरमान सुनाया है।
राजद और भाजपा ने भी नहीं खोले पत्ते
बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। बिहार विधानसभा में विभिन्न दलों की ताकत को देखते हुए भाजपा और राजद को दो-दो और जदयू को एक सीट मिल सकती है। एक सीट पर हो रहे उपचुनाव में नीतीश ने अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाया है। अब जदयू को बाकी बची एक सीट पर अपने उम्मीदवार का फैसला करना है और उसी को लेकर घमासान मचा हुआ है।
भाजपा और राजद ने भी अपने उम्मीदवारों का फैसला नहीं किया है। वैसे राजद की ओर से एक सीट पर पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। यह मीसा भारती का राज्यसभा में तीसरा कार्यकाल होगा। वैसे पार्टी की ओर से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राजद में भी दूसरी सीट के लिए दावेदारों के बीच घमासान दिख रहा है।