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छठ महापर्वः हिंदू विरोधी गाइडलाइन, झारखंड भाजपा मुखर

नोटिफिशेन के मुताबिक सूर्य को अर्घ्य देने के समय में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं। ऐसे वक्त में दो गज़ की दूरी का पालन नहीं किया जा सकता है। एक साथ पानी में खड़े होने से इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। अर्घ्य के दौरान फेस कवर करना भी मुश्किल है।

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Published on: 16 Nov 2020 12:07 PM GMT
छठ महापर्वः हिंदू विरोधी गाइडलाइन, झारखंड भाजपा मुखर
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Jharkhand BJP vocal about anti-Hindu guideline on Chhath Mahaparva

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर झारखंड में राजनीति शुरू हो गई है। महापर्व को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर छठ नहीं किया जा सकेगा। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसे हिंदू विरोधी और तुष्टीकरण की नीति बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है। रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ और रांची से भाजपा विधायक सीपी सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने छठ घाट में पानी में उतरकर इसका विरोध किया। पार्टी ने हेमंत सोरेन सरकार से गाइडलाइन वापस लेते हुए संशोधन की मांग की है। इस बीच सत्ताधीर झामुमो ने भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर नई गाइडलाइन जारी करने का अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री को पसंद है जेहाद.

रांची से भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेहाद पसंद है लेकिन वे लोग पानी में उतरकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। सीपी सिंह ने कहा कि, सरकार हिंदूओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है।

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एक तरफ मस्जिदों में हज़ारों की तादाद में नमाज़ी पहुंच रहे हैं। जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हो रहे हैं। बाबा के दरबार में बेशूमार लोग चादरपोशी कर रहे हैं। सरकार को ये सब दिखाई नहीं देता है। तुष्टीकरण की नीति पर चलते हुए सरकार एक वर्ग विशेष को खुश करना चाहती है। लिहाज़ा, भाजपा इसका पुरज़ोर मज़म्मत करती है।

हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़

रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा है कि, हिंदूओं के तीज-त्योहार में गाइडलाइन जारी कर हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हिंदूओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। सरकार आस्था पर चोट कर रही है।

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सरकार घर में रहकर छठ करने को कह रही है। लिहाज़ा, सरकार हर घर के बाहर तालाब खुदवा दे और पानी की व्यवस्था कर दे। सरकार लोगों को पानी तो पिला नहीं पा रही है ऐसे में छठ के लिए पानी की व्यवस्था कहां से हो पाएगी। डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि, रांची नगर निगम व्यवस्था करने को तैयार है लेकिन सरकार नई गाइडलाइन जारी करे।

झामुमो ने सीएम को सौंपा ज्ञापन

भाजपा के विरोध के बीच सत्ताधीर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी सरकार से गाइडलाइन में संशोधन की मांग की है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नई गाइडलाइन जारी करने की मांग की है।

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पार्टी ने कहा है कि, बिहार और झारखंड समेत अन्य राज्यों में लोक आस्था का महापर्व छठ बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ये हिंदूओं की आस्था से जुड़ा प्रश्न है। लिहाज़ा, सीमित संख्या में छठ व्रतियों को छठ घाटों में जाकर अर्घ्य देने की अनुमति दी जाए।

राज्य सरकार का तर्क

आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में सार्वजनिक तौर पर छठ करने की अनुमति नहीं दी गई है। सरकारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि, छठ घाटों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना संभव नहीं है। लिहाज़ा, नदीं, तालाब, डैम समेत अन्य जलाश्यों में छठ नहीं किया जा सकता है।

नोटिफिशेन के मुताबिक सूर्य को अर्घ्य देने के समय में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं। ऐसे वक्त में दो गज़ की दूरी का पालन नहीं किया जा सकता है। एक साथ पानी में खड़े होने से इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। अर्घ्य के दौरान फेस कवर करना भी मुश्किल है।

फिलहाल, झारखंड में कोविड-19 के मामलों में कमी आई है। छठ पर अगर राहत दी जाती है तो फिर से कोरोना वायरस फैलने का खतरा है। ऐसे में सार्वजनिक तौर पर छठ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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