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Kargil Vijay Diwas 2022: बिहार रेजिमेंट ने खोए थे 18 सपूत, जिनके आगे दुश्मनों ने टेक दिए घुटने
Kargil Vijay Diwas 2022: कारगिल युद्ध में बिहार रेजिमेंट के 18 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए अपने प्राण न्योछावर किए।
Kargil Vijay Diwas 2022 : देश में हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतवर्ष के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। कारगिल युद्ध में आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तान पर फतह किया था। 26 जुलाई 1999 वही दिन है जब हमारे देश के वीर सपूतों और रणबांकुरों ने कारगिल में तिरंगा फहराया था।
कारगिल युद्ध में 527 भारतीय सैनिक और अफसर शहीद हुए थे। बिहार के सैनिकों ने भी इस युद्ध में बढ़-चढ़कर भाग लिया। बताया जाता है कि बिहार रेजिमेंट (Bihar Regiment) के 18 सैनिकों ने कारगिल युद्ध में विजय के लिए अपना बलिदान दिया था। युद्ध में जीत के बाद बिहार रेजिमेंट के प्रथम बटालियन (1st Battalion of Bihar Regiment) को 28 वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसमें छह सेना मेडल और चार वीर चक्र शामिल हैं।
मौत को चकमा देकर लौटे सैनिक ने बताई कहानी
इस युद्ध में दुश्मनों की गोली खाने के बाद करीब 11 दिन बाद मौत को चकमा देकर भारत माता की धरती पर वापस लौटे नायक शत्रुघ्न सिंह पुराने दिनों की याद ताजा करते हुए कहा था कि, 'कारगिल युद्ध में दुश्मनों के कब्जे की जानकारी 17 मई 1999 को ही हो गई थी।'
बिहार रेजिमेंट की प्रथम बटालियन कारगिल जिले के बटालिक सेक्टर (Batalik Sector) पर पहले से मौजूद थी। बटालिक की जुबा पहाड़ी पर हथियार के साथ दुश्मनों ने कब्जा कर लिया। बिहार रेजिमेंट को जुब्बा पहाड़ी को अपने कब्जे में लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई। उसके बाद मेजर एम सरवानन ने अपनी टीम के साथ दुश्मनों पर हमला बोल दिया। जवाब में दुश्मनों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। मेजर ने रॉकेट लांचर को अपने कंधे पर उठाया और दुश्मन पर हमला बोल दिया। इससे पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान हुआ। दो घुसपैठिए मारे गए। यहीं से कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई। इसके बाद बिहार रेजिमेंट के सैनिकों ने अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुए जुब्बा पहाड़ी पर विजय प्राप्त कर लिया और बिहार रेजिमेंट का नाम ऊंचा किया।