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Bihar: राजद नेता के खिलाफ अपहरण के मामले में कोर्ट से वारंट, बनें कानून मंत्री, लालू ने कहा सुशील मोदी झूठे हैं

Bihar News: मंगलवार को कार्तिकेय सिंह को कोर्ट के सामने पेश होना था मगर उस समय वे मंत्रिमंडल में नए मंत्री के रूप में शपथ ले रहे थे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 17 Aug 2022 12:30 PM GMT (Updated on: 17 Aug 2022 12:35 PM GMT)
Kartikeya Singh
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कार्तिकेय सिंह (photo: social media ) 

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Bihar News: बिहार में मंगलवार को हुए कैबिनेट के विस्तार में कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय सिंह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। राजद के विधान परिषद सदस्य कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट से पहले ही अपहरण के एक मामले में वारंट जारी हो चुका है। मंगलवार को इस मामले में कार्तिकेय सिंह को कोर्ट के सामने पेश होना था मगर उस समय वे मंत्रिमंडल में नए मंत्री के रूप में शपथ ले रहे थे।

अब इस मामले को लेकर भाजपा ने आक्रामक रुख अपना लिया है। नीतीश मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार किया गया था और इसमें 31 नए मंत्रियों को शामिल किया गया था। कार्तिकेय सिंह को राजद कोटे से मंत्री बनाया गया है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभागों का बंटवारा भी कर दिया था और कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया है। अब उनके बारे में नया खुलासा होने के बाद सियासी माहौल गरमा गया है।

राजद कोटे से मंत्री बने हैं कार्तिकेय

बिहार में हुए सियासी बदलाव के बाद आठवीं बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था। नए मंत्रियों में राजद के 16, जदयू के 11, कांग्रेस के दो, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के एक और एक निर्दलीय विधायक को शामिल किया गया था। राजद कोटे से शामिल किए गए नेताओं में विधान परिषद सदस्य कार्तिकेय सिंह भी शामिल है।

कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के एक मामले में एक कोर्ट से वारंट जारी है। दरअसल 2014 में राजीव रंजन का अपहरण किया गया था। बाद में कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया था। राजीव रंजन के अपहरण के मामले के आरोपियों में कार्तिकेय सिंह का नाम भी शामिल है।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा-मुझे जानकारी नहीं

इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा है कि कानून अपना काम करेगा। नीतीश ने कहा कि हमारे बारे में सब जानते हैं कि हम न किसी को फंसाते हैं और न बचाते हैं।

लालू ने कहा सुशील मोदी झूठे हैं

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राजद कोटे के मंत्रियों पर उठाए जा रहे सुशील मोदी के सवाल पर कहा कि सुशील मोदी झूठे हैं। मंत्रियों के बारे में लालू प्रसाद ने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है, सब गलत बात है।

वारंट के बावजूद कोर्ट में नहीं हुए पेश

अपहरण के इस मामले में कोर्ट ने कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी कर रखा है। इस मामले में कार्तिकेय सिंह की ओर से अभी तक न तो जमानत की अर्जी दाखिल की गई है और न ही उन्होंने कोर्ट के सामने सरेंडर किया है। अदालत की ओर से उन्हें 16 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया गया था मगर मंगलवार को कार्तिकेय सिंह नीतीश मंत्रिमंडल में नए मंत्री के रूप में शपथ ले रहे थे।

कार्तिकेय सिंह मोकामा के रहने वाले हैं और उन्होंने पिछले विधान परिषद चुनाव में जदयू के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी। कार्तिकेय सिंह को मोकामा के बहुचर्चित माफिया अनंत सिंह का करीबी बताया जाता है। जानकारों का कहना है कि अनंत सिंह के जेल में होने के कारण मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम कार्तिकेय सिंह ही देखा करते हैं। एक मामले में सजा होने के बाद अनंत सिंह की पिछले दिनों विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।

कार्तिकेय ने खुद को बताया निर्दोष

अब नीतीश के नए कानून मंत्री को लेकर राज्य की सियासत गरमाती दिख रही है। भाजपा इस मुद्दे को लेकर आक्रामक हो गई है और पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले शुरू कर दिए हैं। दूसरी ओर कार्तिकेय सिंह खुद को निर्दोष बताते हैं। उनका कहना है कि मैंने चुनाव आयोग से कुछ भी नहीं छिपाया है और चुनावी हलफनामे में मैंने पूरी जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि आरोप लगने और साबित होने में बहुत बड़ा अंतर है। केस दर्ज होने का मतलब यह नहीं है कि मैं किसी मामले में दोषी हूं। उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज के आरोप में कोई दम नहीं है और महागठबंधन की सरकार नीतीश की अगुवाई में पूरी मजबूती से काम करेगी।

क्या कहा कानून मंत्री के वकील ने?

बिहार सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार के वकील मधुसूदन शर्मा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मीडिया से कहा, जिस मुकदमे का जिक्र किया जा रहा है, उसमें नामजद अभियुक्त कार्तिक कुमार नहीं हैं। पुलिस ने सभी जांच के बाद कहा कि इस मामले में कार्तिक कुमार उर्फ मास्टर जी की संलिप्तता नहीं है। पुलिस की जांच समाप्त हो गई है, तो मुकदमा खत्म हो जाता है। मधुसूदन शर्मा ने कहा, कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया। हम लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दी गई है। हम लोगों ने अग्रिम जमानत का आवेदन दिया है। जिसमें 01 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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