Reservation in Bihar: 50 फीसदी से अधिक रिजर्वेशन देने वाला राज्य बना बिहार, राज्यपाल ने आरक्षण संशोधन बिल को दी मंजूरी

Reservation in Bihar: कई दिनों तक बिल राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर के पास लंबित रहने के कारण सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। ऐसी चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि क्या राज्यपाल इस बिल को अपनी मंजूरी देंगे या फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल देंगे।

Krishna Chaudhary
Published on: 18 Nov 2023 7:41 AM GMT
nitish kumar
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nitish kumar (photo: social media )

Reservation in Bihar: जातीय सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद से बिहार में जातिगत आरक्षण की राजनीति तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने आरक्षण कोटा को 50 फीसदी से ज्यादा कर आम चुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव चला है। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सभी दलों की सहमति से आरक्षण संशोधन विधेयक को पास कराकर राज्यपाल के पास भेज दिया गया था। जिसे गवर्नर ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।

कई दिनों तक बिल राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर के पास लंबित रहने के कारण सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। ऐसी चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि क्या राज्यपाल इस बिल को अपनी मंजूरी देंगे या फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल देंगे। एक दिन पहले सीएम नीतीश कुमार के बयान से अटकलों को और बल मिलने लगा, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल अभी हस्ताक्षर कर दें तो राज्य में आरक्षण कानून तुरंत लागू हो जाएगा।

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गवर्नर ने बिल को दी मंजूरी

जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर के राज्य से बाहर होने के कारण राजभवन में बिल अटका पड़ा था, जिस पर आते ही उन्होंने हस्ताक्षर कर दिया। इस तरह बिहार अब देश के उन गिने चुने राज्यों में शामिल हो गया जहां आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा है। राज्य में अब पिछड़े तबकों को 65 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण (ईडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण अलग से मिलता रहेगा। इस तरह राज्य में आरक्षण का कुल कोटा 75 फीसदी हो गया है।


किसे कितना मिलेगा आरक्षण ?

आरक्षण संशोधन बिल 2023 के मुताबिक, अब राज्य में आति पिछड़ी जाति को 25 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

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बता दें कि पिछले दिनों बिहार सरकार द्वारा जो जातीय सर्वे की रिपोर्ट सावर्जनिक की गई थी, उसके मुताबिक, राज्य में पिछड़ों की आबादी 63 प्रतिशत है। इनमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ा समूह है। इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27.13 प्रतिशत का नंबर आता है। जनसंख्या के लिहाज से ओबीसी समुदाय में शामिल यादव समुदाय सबसे बड़ा समुदाय है, जिसकी आबादी 14.27 प्रतिशत है। जिन्हें लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का कोर वोटर माना जाता है। बीजेपी हिंदुत्व के सहारे इस वोटबैंक में सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रही है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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