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कांप उठा बिहार: क्या है आँखफोड़वा कांड, पूरे देश को हिला दिया इस घटना ने

बिहार के जुरन छपरा में आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था। ये कैंप सुबह 10 बजे से 1 बजे तक लगाया गया था।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 1 Dec 2021 4:00 PM IST
Bihar Eye Hospital
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बिहार का मुजफ्फरपुर आंख अस्पताल (फोटो- सोशल मीडिया)

Muzaffarpur : बिहार के मुजफ्फरपुर से बड़ी खबर आ रही है। यहां एक बार फिर से बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का खामियाजा राज्य की बेकशूर जनता को झेलना पड़ रहा है। ऐसे में इस दफा जिले के आंख फोड़वा अस्पताल का कांड सामने आया है। जिसने सबको हैरान-परेशान कर दिया। यहां के जुरन छपरा के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था। इस कैंप में 60 से ज्यादा लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था।

राज्य के जुरन छपरा में आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था। ये कैंप सुबह 10 बजे से 1 बजे तक लगाया गया था। यहां 60 से ज्यादा लोगों का ऑपरेशन, जिसमें महिला और पुरूष दोनों का करवाया गया था। लेकिन परेशानी तो तब खड़ी हुई, जब सिर्फ एक हफ्ते के अंदर ही जिसने भी आंख का ऑपरेशन कराया था, सबकी आंखों में इंफेक्शन हो गया।

लोगों की जिंदगी से खिलवाड़

आंखों का इंफेक्शन इस कदर बढ़ गया कि 24 लोगों की तो आंखों की रोशनी ही चली गई। जबकि ऑपरेशन कराने वाले 10 लोगों की हालत तो इतनी ज्यादा खराब हो गई, कि आंखें ही बाहर निकलनी पड़ गई। इस तरह से लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया गया है।

फोटो- सोशल मीडिया

मोतियाबंद का ऑपरेशन कराने के बाद इंफेक्शन के फैलने के फिर बुधवार को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच (SKMCH) अस्पताल के बाहर मरीज का भारी भीड़ थी। यहां मरीज अपनी आंखें निकलवाने के लिए लंबी लाइन के खत्म होने और उनकी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। कोई दर्द से परेशान, तो कोई अपनी आंख निकलवाने और आंखों की रोशनी के छीन जाने जाने तड़प रहा। इन सबका एक ही प्रश्न बस आखिर क्या कसूर था, जो आंखों की रोशनी चल गई।

इस घटना के बाद आई अस्पताल के ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर को बंद कर सील कर दिया गया है। ऑपरेशन के बारे में बताया जा रहा कि सबका ऑपरेशन एक ही मेज पर कर दिया गया। वहीं परेशानी कराह रहे कुछ मरीजों का कहना है कि दाहिने आंख के बदले उनके बाएं आंख का ऑपरेशन कर दिया गया है।

इस मामले के बारे में जब सिविल सर्जन डॉक्टर विनय शर्मा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कई फोन कॉल से यह जानकारी मिली है कि ऑपरेशन के बाद लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतें आई हैं। इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच के लिए तीन डॉक्टरों की टीम बनाई गई है, जो 2 दिनों के अंदर रिपोर्ट देंगे कि आखिर ऑपरेशन का प्रोटोकॉल पालन किया गया है या नहीं। या फिर किस कारण से ऐसा हुआ है। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।




Vidushi Mishra

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