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Bihar Politics: बिहार में NDA को चुनाव जीतने का भरोसा, नीतीश की अगुवाई में मिलकर काम करने का संकल्प
Bihar Politics: बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले एनडीए ने इस साल अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगाने की तैयारी कर ली है। दिल्ली में हुई एनडीए बैठक के दौरान मौजूद सहयोगी दलों के नेताओं ने पूरी एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा जताया।
Bihar CM Nitish Kumar (PHOTO: Social media )
Bihar Politics: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। बिहार चुनाव को लेकर राजधानी दिल्ली में बुधवार को हुई एनडीए की बड़ी बैठक के दौरान चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि बिहार के चुनाव में हम सभी मिलकर लड़ाई लड़ेंगे और हमें जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान हम सभी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में मिलकर काम करना है। चुनावी नजरिए से अहम मानी जाने वाली इस बैठक में एनडीए में शामिल सभी सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 मार्च को बिहार के दौरे पर जाने वाले हैं। उनके दौरे से पहले हुई एनडीए की इस बैठक के दौरान चुनावी रणनीति पर मंथन भी किया गया। अपनी बिहार यात्रा के दौरान गृह मंत्री शाह चुनाव के संबंध में शुरुआती फीडबैक हासिल करेंगे। इस दौरान वे चुनावी रणनीति को लेकर भाजपा नेताओं के साथ मंथन भी करेंगे।
नीतीश की अगुवाई में मिलकर काम करने पर जोर
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले एनडीए ने इस साल अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगाने की तैयारी कर ली है। दिल्ली में हुई एनडीए बैठक के दौरान मौजूद सहयोगी दलों के नेताओं ने पूरी एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा जताया। भाजपा सांसद संजय जायसवाल के आवास पर हुई इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री, एनडीए के सभी सांसद और बिहार से आने वाले सभी केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
बैठक के दौरान भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छे नतीजे हासिल हुए। 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनाने के लिए हम सभी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में मिलकर काम करना है। मिलकर चुनाव लड़ने पर हमें निश्चित रूप से जीत हासिल होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भागलपुर दौरा बेहद सफल रहा था और अब वे अगले महीने मधुबनी का दौरा करने वाले हैं। हम सभी को भागलपुर की तरह इस दौरे को भी सफल बनाना है।
मांझी,चिराग और कुशवाहा का बड़ा दावा
एनडीए की इस बड़ी बैठक में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के जीतन राम मांझी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के उपेंद्र कुशवाहा समेत अन्य प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने दावा किया कि चुनाव में एनडीए को बड़ी जीत हासिल होगी। उन्होंने बिहार में 225 सीटें जीतने का बड़ा दावा भी कर डाला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनडीए की चुनाव रणनीति पर आगे पटना में चर्चा होगी।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार में इस बार ऐतिहासिक जीत हासिल करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि यह चुनावी वर्ष है और ऐसे में आने वाले समय में तमाम रणनीति तय की जाएगी। हम इस बात की कोशिश में जुटे हुए हैं कि सरकार की उपलब्धियों को किस तरह जनता तक पहुंचाया जाए।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में एनडीए की ताकत के सामने कोई भी गठबंधन टिकने वाला नहीं है। आपस में मिलने-जुलने के लिए इस बैठक का आयोजन किया गया है। हम लोगों ने अपनी रणनीति बना रखी है और इसी के आधार पर हम चुनाव में जीत हासिल करेंगे।
सीट बंटवारे को लेकर फंसेगा पेंच
एनडीए की इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। एनडीए में शामिल सहयोगी दलों की ओर से रखी जा रही डिमांड को देखते हुए सीट बंटवारा आसान नहीं माना जा रहा है। सहयोगी दलों की ओर से डिमांड सामने आने लगी है। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की पार्टी की ओर से 40-40 सीटों की डिमांड रखी गई है। चिराग की पार्टी की ओर से हर जिले में काम से कम एक सीट की मांग की जा रही है।
जीतन राम मांझी ने भी 40 सीटों की डिमांड रख दी है। सीटों की संख्या को लेकर अभी तक उपेंद्र कुशवाहा का रुख सामने नहीं आया है। एनडीए में भाजपा और जदयू सबसे बड़े दल हैं और इन दोनों दलों ने अभी तक सीटों की संख्या को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू होगी। इस दौरान भाजपा और जदयू के नेतृत्व के लिए सभी सहयोगी दलों को संतुष्ट करना आसान नहीं होगा।