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Nitish kumar: NDA में जाने की अटकलों को नीतीश ने बताया फालतू बात,सुशील मोदी बोले-नाक रगड़ लें फिर भी नहीं मिलेगी एंट्री, BJP के दरवाजे बंद
Nitish kumar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर एनडीए में शामिल होने की अटकलों को पूरी तरह फालतू बात बताया। उन्होंने कहा कि अब इसे लेकर मेरी किसी भी प्रकार के दिलचस्पी नहीं है क्योंकि मैं विपक्षी दलों को एकजुट बनाने की कोशिश में जुटा हूं।
Nitish kumar News: बिहार की राजधानी पटना के सियासी हलकों में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भावी कदमों को लेकर एक बार फिर अटकलों का बाजार गरम हो गया। हरियाणा में विपक्ष की महाजूटान से दूरी और पटना में दीनदयाल उपाध्याय के जयंती कार्यक्रम में नीतीश की मौजूदगी से इन अटकलों को और बल मिला। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर एनडीए में शामिल होने की अटकलों को पूरी तरह फालतू बात बताया। उन्होंने कहा कि अब इसे लेकर मेरी किसी भी प्रकार के दिलचस्पी नहीं है क्योंकि मैं विपक्षी दलों को एकजुट बनाने की कोशिश में जुटा हूं।
दूसरी ओर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार इस बार नाक भी रगड़ लें तो भी उन्हें एनडीए में एंट्री नहीं मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि नीतीश कुमार अब राजनीतिक बोझ बन गए हैं और उनके पास वोट ट्रांसफर करने की कोई ताकत नहीं रह गई है। सुशील मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी इस बात का स्पष्टीकरण कर चुके हैं कि नीतीश कुमार के लिए अब भाजपा के दरवाजे पूरी तरह बंद हो चुके हैं।
अटकलों को इसलिए मिली तेजी
दरअसल सोमवार को हरियाणा के कैथल में इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती पर इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों के नेताओं का बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की चर्चा थी मगर वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। बाद में जब उन्होंने पटना में दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की तो उनकी एनडीए में वापसी की अटकलें फिर तेज हो गईं। नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
नीतीश बोले:विपक्षी गठबंधन को मजबूत बनाना लक्ष्य
बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय को कोई भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकता है और इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। दीनदयाल के विचारों से सहमत लोगों को बताना चाहिए कि वे इस तरह के कार्यक्रमों में क्यों नहीं शामिल होते। उन्होंने कहा कि हम तो कई जगह आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं और इसमें इतना हैरान होने की क्या बात है।
मुख्यमंत्री ने एनडीए में वापसी की अटकलें को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की बातें पूरी तरह फालतू हैं। मैं विपक्षी दलों के गठबंधन को मजबूत बनाने के मिशन में जुटा हुआ हूं और यही अब मेरा एकमात्र लक्ष्य है।
सुशील मोदी ने कहा-नीतीश के लिए दरवाजे बंद
दूसरी ओर राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब भले ही नाक रगड़ लें मगर उनके लिए भाजपा ने अपने दरवाजे पूरी तरह बंद कर लिए हैं। सच्चाई तो यह है कि अब उनमें दो वोट ट्रांसफर करने की भी ताकत नहीं बच गई है और वे पूरी तरह सियासी बोझ साबित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को सिर्फ 44 सीटें हासिल हुई थीं। जदयू को इन सीटों पर जीत दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार ने बड़ी भूमिका निभाई थी। नहीं तो उन्हें इतनी सीटें भी नहीं मिल पातीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा को अब नीतीश कुमार से हाथ मिलाने की कोई जरूरत नहीं रह गई है। सुशील मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी यह बात स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे पूरी तरह बंद हो चुके हैं।