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एक रूपये गुरू दक्षिणा: आरके श्रीवास्तव का शिष्य बना इंजीनियर, मेहनत लाई रंग

आरके श्रीवास्तव ने कहा कि "अच्छा लगता है, जब एक छोटा सा बीज, नन्हे से पौधे का रूप धारण करता है और जब हम बड़े जतन से उसमें खाद-पानी डालते हैं, कीटनाशक छिड़क कर उसे बचाते हैं। सच में वह अहसास तो कमाल का होता है जब हमारे छात्र सफल होते हैं।

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Published on: 21 Dec 2020 5:50 PM IST
एक रूपये गुरू दक्षिणा: आरके श्रीवास्तव का शिष्य बना इंजीनियर, मेहनत लाई रंग
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एक रूपये गुरू दक्षिणा: आरके श्रीवास्तव का शिष्य बना इंजीनियर, मेहनत लाई रंग

बिहार: सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेकर इंजीनियर बनने का सपना हर स्टूडेंट्स को होता है। परंतु जब यह सपना किसी गरीब स्टूडेंट्स का पूरा होता है तो खुशी कई गुना बढ़ जाती है। आज आपको एक ऐसे गुरु के बारे में बताते हैं जिसने सैकड़ों गरीब परिवार के स्टूडेंट्स को सिर्फ 1 रूपया गुरू दक्षिणा में पढ़ाकर बना दिया इंजीनियर, नवीन बीसीईसीई प्रवेश परीक्षा पास होकर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज एमाईटी मुजफ्फरपुर में दाखिला लिया था। इलेक्ट्रिकल ब्रांच लेकर पढ बन चूका है इंजीनियर ।

सच में वह अहसास तो कमाल का होता है

आरके श्रीवास्तव ने कहा कि "अच्छा लगता है, जब एक छोटा सा बीज, नन्हे से पौधे का रूप धारण करता है और जब हम बड़े जतन से उसमें खाद-पानी डालते हैं, कीटनाशक छिड़क कर उसे बचाते हैं। सच में वह अहसास तो कमाल का होता है जब हमारे छात्र सफल होते हैं। जब हमारे सामने मीठे फलों से लदा हुआ वृक्ष होता है। ऐसा ही अहसास मुझे होता है।"

रोहतास के ग्राम मुन्जी का रहने वाला उदय सिंह का पुत्र नवीन ने इंजीनियर बनने के बाद अपने गुरु आरके श्रीवास्तव से मिलने अपने पिता के साथ उनके घर पहुंचा और उन्हें उनका गुरु दक्षिणा 1 रूपया दिया। आरके श्रीवास्तव ने बताया कि नवीन जैसे गरीब परिवार के स्टूडेंट्स जब सफल होते हैं तो काफी खुशी होती है और मेरा 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बनाने का उद्देश्य सफल होता है।

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कौन है आरके श्रीवास्तव?

आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्य शैली और पाठशाला "सुपर थर्टी" से कम सुपर नहीं है। सिर्फ 1 रू गुरू दक्षिणा लेकर सैकड़ों गरीबों को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई, एनडीए सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला दिलाकर उनके सपने को पंख लगाया है। संसाधन की कमी के बाबजूद आर के श्रीवास्तव ने पढ़ाना आरंभ कर, आज जो मुकाम हासिल किया है और जिस तेजी से उस पथ पर अग्रसर होते हुए, गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली से काफ़ी प्रभावित होकर प्रशंसा कर चुके हैं।

वहीं, आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक आँगन से सिर्फ 1रू गुरू दक्षिणा में छात्र शिक्षा ग्रहण कर इंजीनियर तो बन ही रहे हैं, वहीं कई छात्र NDA में सफल हो भारतीय सेना के विभिन्न अंगों में सेवा देने के लिये भी सफल हो रहे हैं, इसके अलावा श्रीवास्तव अपने माँ के हाथों प्रत्येक वर्ष 50 गरीब स्टूडेंट्स को निःशुल्क किताबें बंटवाने के पुनीत कार्य भी करते हैं।

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साथ ही जाड़े के दिनों में अपनी क्षमता के अनुसार कम-से-कम 100 जरूरतमंदो को खुद घर-घर पहुंचकर एवं सड़क किनारे ठंड से कांपते लोगों को कंबल बांटने का पुनीत कार्य भी करते हैं। ऐसे कई सारे सामाजिक कार्यों के लिए भी आरके श्रीवास्तव मशहूर हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इनके द्वारा चलाया जा रहा “Wonder Kids Program” और “Night Classes” अद्भुत है। Google boy “Kautilya Pandit” के गुरू के रूप में भी देश इन्हें जानता है।

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कचरे से खिलौने बनाकर सैकड़ों स्टूडेंट्स को गणित सिखा चुके हैं

मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव यानी गणित पढ़ाने का दीवाना, पूरी रात लगातार 12 घण्टे छात्रों को गणित का गुर सिखाते, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव जादुई तरीके से खेल-खेल में गणित का गुर सिखाने के लिए मशहूर हैं। चुटकले सुनाकर खेल-खेल में पढ़ाते हैं। गणित के मशहूर शिक्षक मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव जादुई तरीके से गणित पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी पढ़ाई की खासियत है कि वह बहुत ही स्पष्ट और सरल तरीके से समझाते हैं। सामाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, चुटकुले बनाकर सवाल हल करना आरके श्रीवास्तव की पहचान है।

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