TRENDING TAGS :
Bihar News: जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय, मां-बाप ने बेटी को गंगा नदी में फेंका, सिपाही ने बचाई जान
Bihar News: जानकारी के मुताबिक नवगछिया को भागलपुर शहर से जोड़ने वाले विक्रमशिला पुल से जब रहागीर गुजर रहे थे तो उन्हे बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। गंगा नदी पर पने विक्रमशिला पुल के बिजली खंभा नंबर 113 के पास बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी।
Bihar News: बिहार के भागलपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर चौंक रहा है और निर्दयी मां-बाप को खरी खोटी सुना रहा है। दरअसल, जनपद में एक मां बाप ने जन्म लेते ही नवजात बेटी को विक्रमशिला पुल से नीचे गंगा नदी में फेंक दिया। हालाकिं, जाको राखे साइंया मार सके ना कोय कहावत यहां पर सच साबित हो गई। जिस बैग में बच्ची को डालकर फेंका गया था वो बैग रेलिंग के किनारे लगे गार्डर में फंस गया। वहां से गुजर रहे राहगीरों ने बच्च के रोने की आवाज सुनी तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने अपनी जान पर खेलकर बच्ची को बचा लिया।
सिपाही ने मसीहा बन बचाई जान
जानकारी के मुताबिक नवगछिया को भागलपुर शहर से जोड़ने वाले विक्रमशिला पुल से जब राहगीर गुजर रहे थे तो उन्हें बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। गंगा नदी पर बने विक्रमशिला पुल के बिजली खंभा नंबर 113 के पास बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। राहगीरों ने इसकी जानकारी वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिस को दी। बिहार पुलिस के जवान ने जान हथेली पर रखकर गार्डर पर चढ़कर बच्ची को वहां से सुरक्षित बचा लिया। नवजात बच्ची थैले में कपड़े में लिपटी हुई रो रही थी।
पुलिसकर्मी ने इस बात की सूचना एसडीओ और डीएसपी को दी। जिसके बाद नवजात बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल मायागंज में भर्ती करवाया गया। अब उस बच्ची को चाइल्डलाइन के सहयोग से अनाथालय में रखा जाएगा। फिलहाल बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है। डॉक्टर और नर्स की टीम द्वारा बच्ची की देखभाल की जा रही है।
इस मामले में एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि विक्रमशिला पुल पर नवजात बच्ची के मिलने की सूचना मिली तो ट्रैफिक पुलिस ने उसे बचा लिया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया। उन्होने कहा कि डॉक्टरों ने बताया है कि अगर इसमें थोड़ी भी देर होती तो बच्ची की जान जा सकती थी।