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Pegasus Snooping Controversy: विपक्ष को मिला नीतीश कुमार का साथ, कहा- पेगासस जासूसी मामले की हो जांच

Pegasus Snooping Controversy: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पेगासस जासूसी मामले में जांच की माग की है।

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Newstrack NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 2 Aug 2021 4:49 PM IST (Updated on: 2 Aug 2021 5:26 PM IST)
Pegasus Snooping Controversy: विपक्ष को मिला नीतीश कुमार का साथ, कहा- पेगासस जासूसी मामले की हो जांच
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Pegasus Snooping Controversy: पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्ष लामबंद है। संसद में इस मामले को लेकर लगातार हंगामा जारी है। अब इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार को विपक्ष का साथ मिला है। नीतीश कुमार ने भी पेगासस जासूसी मामले में जांच की माग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर संसद में बहस की मांग हो रही है, तो इस पर बहस होनी चाहिए।

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि फोन टैपिंग की बात कई दिनों से सामने आ रही है। इस मामले पर संसद में जरूर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर उचित कदम उठाया जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि चाहे जो भी हो, लेकिन उसकी सही से जांच होनी चाहिए और सामने आना चाहिए।

संसद में हो बहस

एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार का कहना है कि संसद में पेगासस जासूसी मामले को लेकर बहस की जानी चाहिए। उनका कहना है कि संसद में जब यह मुद्दा कई दिनों से उठाया जा रहा है, तो इसकी जांच जरूर की जानी चाहिए ताकि पूरा सच सामने आए। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी को परेशान करने का प्रयास कर रहा है, तो इसकी जांच हो।

सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को सुनवाई

पेगासस जासूसी मामले को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में पांच अगस्त को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस एन वी रमण की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जानिए पेगासस स्पाइवेयर के बारे में
पेगासस स्पाइवेयर को लेकर भारत में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। पेगासस जासूस मामलो को लेकर भारत की संसद में कई से हंगामा हो रहा है। इजरायल की साइबर इंटेलिजेंस फर्म ग्रुप ने पेगासस स्पाइवेयर को बनाया है। कंपनी की तरफ से दावा किया गया है कि फर्म ऐसे ही जासूसी सॉफ्टवेयर बनाती है। कंपनी का कहना है कि पेगासस स्पाइवेयर को अपराध और आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने और लोगों की सुरक्षा के उद्देश्य से सरकारी खुफिया एजेंसियों को बेचा जाता है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो बिना आपकी सहमति के आपके फोन में पहुंच जाता है। इसके साथ यह व्यक्तिगत और संवेदनशील सूचना एकत्र कर लेता है।








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