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टेरर मॉड्यूल: दरभंगा में सड़क पर उतरे PFI कार्यकर्ता, पुलिस कार्रवाई के विरोध में किया प्रदर्शन

Bihar : दरभंगा में PFI के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में सोमवार को विरोध-प्रदर्शन हुआ। इस दौरान पीएफआई के झंडे लहराए गए और पुलिस तथा सरकार पर संगठन को बदनाम करने के आरोप लगाए गए।

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Newstrack Network
Published on: 18 July 2022 2:03 PM GMT
popular front of india pfi protest against police action in darbhanga bihar
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Popular Front Of India Protest : बिहार की राजधानी पटना (Patna) के फुलवारी शरीफ (Phulwari Sharif) इलाके से बीते दिनों पीएफआई नेटवर्क (PFI Network) से जुड़े खुलासे और गिरफ़्तारी के बाद राज्य में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पटना के बाद दरभंगा में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया से जुड़े नेटवर्क के खुलासे के बाद आज PFI ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन निकाला। पीएफआई की दरभंगा इकाई ने सोमवार दोपहर पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतरे और आक्रोश जताया।

प्रदर्शनकारियों ने नाका नंबर- 5 चौक के पास रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस मामले में PFI बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अजहरूल काजिम (Azharul Kazim) ने कहा कि, 'अतहर परवेज और जलालुद्दीन का पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) से कोई लेना-देना नहीं है। इन दोनों का संबंध एसडीपीआई से है। बिहार पुलिस (Bihar Police) द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर हथियार चलाने और युवाओं को देश के विरोध में बहकाने का आरोप लगाया गया, यह गलत है।'

PFI के खिलाफ साजिश रची जा रही

इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि, 'पीएफआई (PFI) के खिलाफ साजिश रची जा रही है। मेरी सरकार से अपील है कि इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। वहीं, दरभंगा जिले के पीएफआई के सदस्य मोहम्मद जाहिद कहा कि पीएफआई को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पुलिस द्वारा मुसलमानों को निशाना बना रही है हम इसका विरोध करते हैं।'

अतहर ने किए चौंकाने वाले खुलासे

बता दें कि, पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज ने पुलिसिया पूछताछ में जो खुलासे किए, वह चौंकाने वाले हैं। अतहर ने कहा है, कि 'हाल के दिनों में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने जो विवादित बयान हमारे धर्म के खिलाफ दिया उसको लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश है। इस बयान का बदला लेने के लिए ही पीएफ़आई द्वारा एक मुहिम की शुरुआत की गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र के अमरावती और राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वालों को मौत के घाट उतार दिया गया।'

खोले बड़े राज

अतहर ने ये भी बताया कि, 'वर्तमान में वह पीएफआई से जुड़ा है। एसडीपीआई पार्टी का पटना जिला महासचिव, जो पैम्फलेट और पर्चे बरामद हुए हैं वह भी उसके पास से ही मिले। यह दोनों पर्चे और पैम्फलेट पीएफआई के थे। पीएफआई के इशारे पर ही मैं एक गुप्त संगठन तैयार कर युवाओं को ट्रेनिंग दे रहा था इसका मकसद था कि भारत में मुस्लिमों पर जो अत्याचार हो रहे हैं उसका बदला लेना। अतहर के कहा कि इस योजना में उसके साथ जलालुद्दीन और शमीम समेत 25 सदस्य शामिल थे।'

कई राज्यों में फंडिंग की बात कबूली

आपको बता दें कि, उनकी योजना को पूरा करने के लिए झारखंड (Jharkhand) से बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और केरल राज्यों में फंड दिया जाता था। झारखंड के साहिबगंज, जामताड़ा, दुमका सहित कई इलाकों से पीएफआई को भारी-भरकम फंड मिलते रहे हैं। अतहर परवेज भी इसी फंड से अपना नेटवर्क मजबूत कर रहा था।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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