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Bihar Politics: VIP के महागठबंधन में शामिल होने पर बोलीं राबड़ी देवी, राजद में मुकेश सहनी की कोई जरूरत नहीं
Bihar Politics: मुकेश सहनी के महागठबंधन में प्रवेश को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि उनकी वापसी अब महागठबंधन में संभव नहीं है।
Bihar Politics: बिहार में उपचुनाव (Bihar by-elections) को लेकर इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। सत्ताधारी गठबंधन में हुई आपसी तोड़फोड़ ने सूबे की सियासत को गरमा दिया है। नीतीश सरकार (Nitish Sarkar) में कैबिनेट मंत्री और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP chief Mukesh Sahni) को बीजेपी (BJP) ने डबल झटका देते हुए राज्य में उसके सियासी अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। एनडीए से धोखा मिलने के बाद राजद प्रमुख लालू यादव (RJD chief Lalu Yadav) का राग अलापने वाले मुकेश सहनी के लिए अब प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) ने भी अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं।
राबड़ी ने सहनी की वापसी पर लगाया ब्रेक
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष औऱ राजद प्रमुख लालू यादव के छोट बेट तेजस्वी यादव को अपना छोटा भाई बताने वाले विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी के लिए राजद ने अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। शुक्रवार को बिहार विधानसभा में मुकेश सहनी के महागठबंधन में प्रवेश को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि उनकी वापसी अब महागठबंधन में संभव नहीं है। महागठबंधन छोड़ कर वो गए थे, हमने उन्हें नहीं भगाया था। आज भाजपा के नेता उनके साथ जैसा बर्ताव कर रहें हैं तो उन्हें अब लालू यादव की याद आ रही है। लालूजी गरीबों के नेता हैं औऱ रहेंगे। राजद में सहनी समाज के बहुत नेता हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी ने छोड़ा था एनडीए
बिहार की राजनीति में अचानक उभरे मुकेश सहनी खुद को सन ऑफ मल्लाह कहते हुए निषादों की सियासत करनी शुरू की। शुरू में बीजेपी, फिर जदयू और फिर राजद के साथ जाने के बाद चुनाव से ऐन पहले वो एकबार फिर एनडीए में शामिल हो गए। दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान जब पटना में महागठबंधन के घटक दलों के बीच शीट शेयरिंग का फार्मूला मीडिया के सामने रखा जा रहा था, उसी दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के साथ बैठे वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी को दरकिनार किए जाने पर सरेआम प्रेस कांफ्रेस में राजद पर पीठ में खंजर घोंपने का आरोप लगाकर महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर दिया था।
तब बताया जाता है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फौरन उनसे संपर्क कर उन्हें एनडीए में शामिल करवाया और उन्हें बीजेपी के कोटे से विधान परिषद भेजने के साथ–साथ उन्हें 11 विधानसभा की सीटें भी दीं। ऐसे में बीजेपी के साथ रिश्ते खराब होने के बाद एकबार फिर महागठबंधन में अपने लिए जगह ढूंढ रहे मुकेश सहनी को अबकी बार राजद ने भी ठेंगा दिया है। इससे पहले राजद ने उन्हें एक और बड़ा झटका देते हुए बोचहां सीट से उनके संभावित उम्मीदवार अमन पासवान को अपने पाले में मिला लिया था। जो अब वहां से बतौर आरजेडी उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेंगे।
मंत्री पद छोड़ने का दवाब
बिहार में वीआईपी (VIP) के तीनों विधायक द्वारा बीजेपी (BJP) का समर्थन देने के ऐलान के बाद विधानसभा में वीआईपी का अस्तित्व खत्म हो चुका है। ऐसे में नीतीश सरकार में पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी पर बीजेपी ने पद छोड़ने का दवाब बढ़ा दिया है। हालांकि इस बीच सीएम नीतीश कुमार की चुप्पी औऱ जदयू नेताओं का मुकेश सहनी को लेकर नरम रूख भी बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। मुकेश सहनी लगातार कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया है, लिहाजा वो कहेंगे तो वे पद छोड़ देंगे।