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बिहार की सियासत में भूचाल, शिवानंद तिवारी बोले- तेज प्रताप राजद से निष्कासित, चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने पर रोक
राजद में टूट को लेकर बिहार की सियासत में मचा हंगामा
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए बिहार की सियासत में खलबली मचा दी है। शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (tej pratap Yadav) को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। तेज प्रताप यादव (tej pratap Yadav)और तेजस्वी यादव के बीच चल रहे विवादों के बीच शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने खुलासा किया कि राजद की विरासत पूरी तरह तेजस्वी को सौंपी जा चुकी है और तेज प्रताप को राजद के चुनाव चिह्न लालटेन के इस्तेमाल करने से भी रोक दिया गया है।
शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) के इस बयान को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। राज्य के किसी नेता ने पहली बार इस बात का खुलासा किया है कि तेजप्रताप पार्टी से निष्कासित किए जा चुके हैं। शिवानंद तिवारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वे लालू परिवार के भी काफी करीबी रहे हैं। इसलिए उनके बयान के बाद बिहार की सियासत में सियासी भूचाल आ गया है। लालू के दोनों बेटों के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा है और तेज प्रताप समय-समय पर तेजस्वी को घेरते रहे हैं।
तेज प्रताप ने बना लिया है नया संगठन
हाजीपुर के दौरे पर पहुंचे शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेज प्रताप यादव (tej pratap Yadav) ने अपना नया संगठन बना लिया है और अब वे राजद में नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तेजप्रताप पार्टी में ही नहीं हैं तो उन्हें निष्कासित करने का क्या सवाल है। उन्होंने अपने नए संगठन के साथ लालटेन चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किया था मगर पार्टी की ओर से उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है कि वे इस चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने खुद इस बात को कबूल किया है कि उन्हें लालटेन निशान के इस्तेमाल से रोका गया है। इसका संदेश पूरी तरह साफ है कि वे अब राजद का हिस्सा नहीं है।
कांग्रेस पर भी किया हमला
राजद नेता ने बिहार में दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के सिलसिले में कांग्रेस पर तंज भी कसा। राज्य की दो विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वर स्थान पर राजद की ओर से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। शिवानंद तिवारी ने पिछले विधानसभा चुनाव की याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी ताकत देखनी चाहिए।
राजद की ओर से कांग्रेस को 70 विधानसभा सीटें दी गई थीं मगर उसका क्या नतीजा हुआ, यह सभी के सामने है। उन्होंने उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस की वजह से ही यूपी में भाजपा को जीत मिली है जबकि अखिलेश यादव को हार का मुंह देखना पड़ा। तिवारी के बयान के बाद अब माना जा रहा है कि राजद इन दोनों सीटों में से किसी भी सीट पर अपने प्रत्याशी का नाम वापस नहीं लेगी।
लालू को बंधक बनाने का बड़ा आरोप
राजद में लालू के दोनों बेटों का झगड़ा कई दिनों से सुर्खियां बटोर रहा है। तेज प्रताप यादव ने हाल में आरोप लगाया था कि उनके पिता को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है। उनका यह भी कहना था कि मेरे पिता को उन लोगों ने बंधक बनाकर रखा है जो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं। तेज प्रताप ने हाल में छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया है। इसी संगठन के कार्यक्रम में उन्होंने लालू को बंधक बनाए जाने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी।
हालांकि उन्होंने अपने संबोधन के दौरान तेजस्वी का नाम नहीं लिया मगर उनका इशारा साफ तौर पर तेजस्वी यादव की ओर ही था। उनका इशारा इसलिए भी साफ माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने यह भी कहा कि सब लोग इस काम को करने वाले का नाम जानते हैं। इसलिए नाम लेने से क्या फायदा। कभी तेजस्वी को अर्जुन और खुद को उनका कृष्ण बताने वाले तेज प्रताप की तेजस्वी से दूरियां काफी बढ़ चुकी हैं। दोनों भाइयों के बीच बढ़ता मतभेद अब ऐसे मुकाम पर पहुंच गया है जहां एकजुटता की गुंजाइश पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं।
चाहकर भी नहीं आ पा रहे पटना
तेज प्रताप का यह भी कहना था कि कुछ लोग साजिश रचकर राजद को लगातार जनता से दूर बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने पिता को लालू प्रसाद यादव को पटना लाकर अपने साथ रखना चाहते हैं मगर कुछ लोगों को यह मंजूर नहीं है। मैंने अपने पिता से पटना चलने को तो कहा मगर उनको पटना नहीं आने दिया जा रहा है। सच्चाई तो यह है कि वे दिल्ली में पूरी तरीके से बंधक बनाकर रखे गए हैं और चाहकर भी पटना नहीं आ पा रहे हैं। तेज प्रताप के मुताबिक लालू प्रसाद को जेल से छूटे हुए करीब एक साल का समय हो चुका है मगर इस दौरान वे एक बार भी पटना नहीं आ सके।
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद इन दिनों दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। वे अपनी सांसद बेटी मीसा यादव के घर पर रह रहे हैं। उनके कई बार पटना आने की चर्चा हुई मगर तेजस्वी यादव हमेशा यह कहते रहे हैं कि वे स्वस्थ होने के बाद ही पटना लौटेंगे। इस बीच लालू यादव ने राजद के कई कार्यक्रमों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही हिस्सा लिया है।
तेजस्वी और लालू ने किया आरोप का खंडन
तेज प्रताप के सनसनीखेज दावे के बाद तेजस्वी यादव ने दूसरे दिन ही अपने पिता को बंधक बनाए जाने के आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव देश में महत्वपूर्ण सियासी पदों पर रह चुके हैं और उन्होंने बड़े-बड़े फैसले लिए हैं। उन्हें कोई भी बंधक बनाकर नहीं रख सकता।
तेज प्रताप के आरोपों का खंडन करते हुए तेजस्वी ने भी अपने भाई का नाम नहीं लिया मगर इशारों में अपने भाई पर हमला करने से नहीं चूके। तेजस्वी की ओर से आरोपों का खंडन किए जाने के बाद लालू यादव ने भी पार्टी के एक कार्यक्रम को दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए खुद को बंधक बनाए जाने का खंडन किया था। उनका कहना था कि दिल्ली में मेरा एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है और इसी कारण मैं यहां रुका हुआ हूं।