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देश के दो बड़े उद्योगपतियों का एक फोन कॉल और बदल गई इनकी किस्मत, आज दुनियाभर में फेमस

Mathematics Guru RK Srivastava: शांतनु नायडू के पशु प्रेम के चलते रतन टाटा प्रभावित हुए। वहीं मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव के बेहतर शैक्षणिक कार्यशैली से पूर्व सांसद आरके सिन्हा प्रभावित हुए थे।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 16 Jan 2022 4:55 PM IST
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 मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव

Mathematics Guru RK Srivastava: देश के दो बड़े उद्योगपतियों का एक फोन कॉल ने बदली इन युवाओं की किस्मत। वर्ष 2014 में रतन टाटा (Ratan Tata) ने किया शांतनु को फोन तो वही आरके सिन्हा (RK Sinha) ने किया था मैथेमैटिक्स गुरू आरके श्रीवास्तव(mathematics Guru) को फोन। परोपकारी हृदय सम्राट कहे जाने वाले देश के दो बड़े उद्योगपति ने बदल दिया इन युवाओं की किस्मत। चलिए आईये जानते हैं कि आखिर कौन है यह दोनों युवा, जिनको देश के बड़े उद्योगपतियों ने खुद फोन कॉल किया था।

आपको बताते चलें कि जहां शांतनु नायडू के पशु प्रेम के चलते रतन टाटा प्रभावित हुए। वहीं मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव के बेहतर शैक्षणिक कार्यशैली से पूर्व सांसद आरके सिन्हा प्रभावित हुए थे।

जहां शांतनु सड़क पर आवारा पशुओं के जान बचाने का कार्य करते हैं वहीं मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा में आर्थिक रुप से गरीब स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। इनके इसी कार्यों से देश के दोनों बड़े उद्योगपति प्रभावित हुए थे।

वर्तमान में शांतनु रतन टाटा कि कंपनी के साथ कार्य कर पशुओं का जान बचा रहे हैं। वही मैथमेटिक्स गुरु पूर्व सांसद और एसआईएस कंपनी के चेयरमैन आर के सिन्हा के अवसर ट्रस्ट के साथ जुड़कर गरीब बच्चों की शिक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं।

कौन है टाटा के कंधे पर हाथ रखने वाला युवक?


दरअसल, बर्थडे सेलिब्रेट करते हुए रतन टाटा (Ratan Tata BirthDay) का एक वीडियो वायरल हो रहा था, इस वीडियो में टाटा एक कुर्सी पर बैठे हुए हैं और सामने टेबल पर एक छोटा 'कप केक' रखा है। दिग्गज उद्योगपति ने इसी छोटे से केक को काटकर जन्मदिन मनाया।

इस दौरान उनके साथ एक युवक बैठा नजर आ रहा है, वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे युवक रतन टाटा के पास आकर खड़ा हो जाता है और उनके कंधे पर हाथ रख देता है। फिर वह उनके पास ही बैठ जाता है और उन्हें केक खिलाता है।

आपको बता दें कि रतन टाटा (Ratan Tata) के साथ दिख रहे युवक का नाम शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) है। शांतनु रतन टाटा के निजी सचिव (Ratan Tata Personal Secretary) हैं। मुंबई के रहने वाले शांतनु नायडू से रतन टाटा इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खुद फ़ोन कर शांतनु को जॉब ऑफर की थी।

शांतनु, रतन टाटा के 'युवा दोस्त' हैं। वह टाटा ग्रुप (Tata Group) में करीब 5 साल से अधिक समय से काम कर रहे है। उम्र के अंतर के बावजूद उनकी व रतन टाटा की बॉन्डिंग काफी अच्छी है, जैसा कि वीडियो में भी दिखाई पड़ रहा है। वर्तमान में शांतनु और टाटा के साथ मिलकर सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त आवारा पशुओं की मदद के लिए काम करते हैं।


उन्होंने बताया कि 2014 में उनकी लाइफ बदल गई। उन्होंने एक कुत्ते को सड़क पर एक्सीडेंट में मरते हुए देखा। वो काफी परेशान हुए थे और उन्होंने डॉग्स को बचाने के लिए काम करना शुरू किया।

शांतनु ने सड़क हादसों में मारे जाने वाले कुत्तों को बचाने के बारे में सोचना शुरू किया। उन्होंने उनके गले पर कॉलर बनाने का आइडिया आया। एक ऐसा कॉलर जो चमकदार हो ताकि वाहन चालक उसे दूर से ही देख लें और बेजुबान की जान बच जाए। वो हादसों का शिकार ना हों।

इसके लिए उन्होंने Motopaws नाम का एक संगठन बनाया। सबसे पहले उन्होंने 500 कॉलर बनाए और बेजुबानों को पहनाए। यह काम इतना आसान नहीं था, इसके लिए पैसे और लोगों की जरूरत भी थी। लेकिन शांतनु सब मैनेज कर रहे थे।जो लोग रतन टाटा के बारे में थोड़ा बहुत जानते हैं, वो यह बात जरूर जानते होंगे कि उन्हें डॉग्स से बड़ा प्यार है।

टाटा कंपनी के न्यूजलेटर में शांतनु का जिक्र किया गया। जिसको रतन टाटा ने भी सराहा। इसी के कारण दोनों की मुलाकात हुई। शांतनु ने उन्हें अपनी टीम के बाकी लोगों से मिलवाया जो बेजुबानों की रक्षा करने और उनका ध्यान रखने का काम कर रहे थे। रतन टाटा ने सबकी हौसला अफजाई की।

आर के सिन्हा ने बदला रजनीकांत श्रीवास्तव का जीवन


आरके सिन्हा ने बदला बिहार के मैथमेटिक्स गुरु रजनीकांत श्रीवास्तव का जीवन, रजनीकांत श्रीवास्तव की जीवनी को एक प्रतिष्ठित अखबार में पढ़कर पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कॉल किया था। आज उनकी संस्था अवसर ट्रस्ट के साथ जुड़कर आर्थिक रुप से गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना रहे हैं।

मैथमेटिक्स गुरु ने बताया कि पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने मेरे जीवन में एक फरिश्ता बनकर आये। मेरे कैरियर संवारने से लेकर जीवन के उतार चड़ाव में उनका साथ हमेशा प्राप्त होते आ रहा है। वर्ष 2017 और 2021 में भतीजी की शादी में गाँव की जमीन बिकने से उन्होने बचाया।

उनके द्वारा किया गया सहयोग और मेरे घर आकर वर वधु को दिया गया। आशीर्वाद मै कभी भुल नही सकता, मै पूर्व सांसद आरके सिन्हा जी को बाबूजी बोलता हूँ। वह भी मुझे बेटे की तरह प्यार देते है, अब इन सभी ने अपने आशीर्वाद और साहस के बल पर हमें शक्ति देने का काम निरन्तर करते रहते है।

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रियल स्टोरी हमें सीखा रहा है कि जीतने वाले छोङते नही , छोड़ने वाले जीतते नही। पाॅंच वर्ष के उम्र मे ही पिता को खोने का गम अभी दिल और मन दोनों से मिटा भी नही था, कि पिता तुल्य इकलौते बड़े भाई भी इस दुनिया को छोड़ चले गये। पापा का चेहरा तो हमे याद भी नही बस कभी रात को सोते वक्त सोचता हूँ तो धुॅधला धुधला सा दिखाई देता है।

मेरे बड़े भैया ने पापा की कमियाॅं कभी हमें महसूस होने नही दिया। वे अपने क्षमता से भी बढ़कर हर वह जरूरी आवश्यकता की हमें वस्तुए, काॅपी - किताबे, खिलौने आदि उपलब्ध कराते जो हमारे जरूरत और माॅंगें रहती। पापा (पारस नाथ लाल) के गुजरने के बाद भैया का उम्र खेलने कूदने का था।

परंतु दुःख और जिम्मेदारी कब किसके पाले मे आ जाये ये सब समय का चक्र के गर्त मे छुपा है। बड़े भैया के असमय चले जाने के बाद काफी दिनों तक घर मे उदासी का माहौल था। परन्तु समय एक ऐसा चक्र है की हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर होता है। और मेरे दुसरे जीवन मे माँ, भाभी , सभी बहनो का आशीर्वाद ने हमें काफी बल दिया। इसके अलावा पूर्व सांसद आरके सिन्हा बाबूजी का काफी सपोर्ट हमें एक पिता के रूप में मिलते आ रहा है।

जो हमें एक शक्ति के रूप में प्राप्त होने लगा। जिससे मै टूटने के बाद फिर से मजबूत होने लगा।टूटे सपने फिर से देखने लगा।मेरा परिवार फिर से संभलना चालू हो गया।फिर से पहले की तरह या उससे कई गुना अधिक मेहनत करने लगा।



Vidushi Mishra

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