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दुनिया के दिग्गज शिक्षक: सुपर 30 के आनंद व 1 रुपये में पढ़ाने वाले आरके श्रीवास्तव
बिहार देशभर में अनूठे एकेडमिक्स की वजह से आज भी चर्चित है। आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव के पढ़ाने के तरीके ने ऐसी लकीर खींच दी है कि पूरी दुनिया उनके कार्यशैली को सलाम करती है।
Anand kumar And RK Srivastava: बिहार देशभर में अनूठे एकेडमिक्स की वजह से आज भी चर्चित है। आनंद कुमार (Anand Kumar) और आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) के पढाने के तरीके ने ऐसी लकीर खींच दी है कि पूरी दुनिया उनके कार्यशैली को सलाम करती है। आज इनके बारे में शायद ही कोई होगा जिसे जानकारी नही होगी। बिहार के दो शिक्षकों के शैक्षणिक कार्यशैली की चर्चा देश-विदेश में इन दिनों खूब हो रहा है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) की प्रवेश परीक्षा में निर्धन छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देकर सफलता दिलाने के लिए चर्चित संस्थान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार (Super 30 founder Anand Kumar) और ₹1 गुरु दक्षिणा प्रोग्राम (₹1 Guru Dakshina Program) के तहत सैकड़ों निर्धन बच्चों को सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा (₹1 Guru Dakshina Program) में पढ़ाकर इंजीनियर बना चुके आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) का नाम वर्तमान के विश्व के चर्चित शिक्षकों में शुमार है। जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का सूत्रपात किया है। देश विदेश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और अखबारों में इनके शैक्षणिक कार्यशैली की चर्चा होते रहता है। बिहार के यह दोनों प्रसिद्ध शिक्षक आनंद कुमार और आरके श्रीवास्तव की लोकप्रियता बॉलीवुड स्टार से कम नहीं है।
एक रुपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बनाते हैं आरके श्रीवास्तव
- गुगल ब्वॉय कौटिल्य पंडित हैं इनके शिष्य
- 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर 540 स्टूडेंट्स को बना चुके हैं अबतक इंजीनियर
हमने सोचा भी नहीं था कि एकदिन गांव की दहलीज से निकलकर कोई देश-दुनिया के लिए खुद एक संदेश बन जाएगा। लेकिन ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जो अभाव में रहते हैं वही दुनिया के मानचित्र पर अपनी विद्वता के बूते कृति खींचने में कामयाब साबित होते हैं। ऐसे ही एक आम लड़के या यों कहें ऑटो चालक से गणितज्ञ बनने का सफर तय किया जो आगे चलकर एक इतिहास पुरुष बन जाएंगे ये किसे पता था। पर, ऐसा ही हुआ युवा गणितज्ञ आर के श्रीवास्तव के साथ। कल तक जो गांव की पगडंडियों तक सिमटे हुए थे वो एकदिन दुनिया के मानचित्र पर छा जाएंगे ये किसी को पता नहीं था।
आर के श्रीवास्तव अबतक 540 स्टूडेंट्स को बना चुके है इंजीनियर
हम बात कर रहे हैं बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज (Bikramganj in Rohtas district) के रहने वाले आर के श्रीवास्तव (RK Srivastava) की, जो खुद मुफलिसी में जिंदगी को गुजारते हुए गरीब और असहाय स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बना रहे हैं। आर के श्रीवास्तव (RK Srivastava) अबतक 540 स्टूडेंट्स को बना चुके है इंजीनियर और यह कारवां निरंतर जारी है।
मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव को राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित
जिंदगी के कई पहलुओं को बहुत करीब से आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) को देखने का मौका मिला है। इन्होंने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। मगर किसी भी परिस्थिति से हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर चलते हुए एक दिन अपने मुकाम को पाने में कामयाब हुए। राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुके मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव (RK Srivastava) ने अपने घर को चलाने के लिए ऑटो रिक्शा तक चलाया। दरअसल इनके घर की माली हालत बहुत बूरी थी। बाल्यावस्था में ही इनके पिता का निधन हो गया। बड़े भाई ने घर की जिम्मेदारी संभाल ली, तब आरके बहुत छोटे थे। जब बड़े हुए तो पढ़ाई करना और बड़े भाई जब थक हारकर आते थे तो आरके ऑटो लेकर सड़कों पर कमाने निकल जाते थे। घर कि स्थिति में थोड़ी सुधार होने लगी। मगर आरके ने अपनी पढ़ाई के आगे कभी हार नहीं मानी। जिस क्लास में पढ़ते थे उसी क्लास के लड़कों को मैथेमैटिक्स पढ़ाने लगे। जब आमदनी होने लगी तो परिवार चलाने में सपोर्टिव साबित हुई।
वरदान साबित हुई पढ़ाई
मगर क्या बताऊं होनी को कुछ और ही मंजूर था। जब घर की जिम्मेदारी पटरी पर लौटने लगी तो आरके श्रीवास्तव के बड़े भाई का असमय निधन हो गया। घर पर विपत्ति का पहाड़ टूट गया। सारी उम्मीदों पर पल में पानी फिर गया। बिखरते परिवार पर जब नजर पड़ी आरके की तो उन्होंने हिम्मत बांधते हुए घर की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर आगे निकल पड़े। इस बूरे दौर में उनकी पढ़ाई ही इनके लिए वरदान साबित हुई। यहां से आरके श्रीवास्तव उभरकर निकले मैथेमैटिक्स गुरु के रुप में।.....