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Bihar News: 30 करोड़ के घोटाले के आरोपी मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति का सरेंडर, भेजे गए जेल
Bihar News: बिहार के मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उनके खिलाफ घोटाले के मामले में गैरजमानती वारंट था।
Bihar News: वित्तीय अनियमितता के आरोप में गया के मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को आखिरकार सलाखों के पीछे जाना पड़ा। विशेष न्यायाधीश मनीष दिवेदी ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया है। इससे पहले नवंबर 2022 में गोरखपुर स्थित उनके घर पर स्पेशल विजलेंस यूनिट टीम ने छापेमारी की थी। जिसमें 90 लाख नकदी के अलावा चल-अचल संपत्ति के बारे में जानकारी मिली थी।
आरोप है कि पूर्व वीसी ने अपने कार्यकाल के दौरान ओएमआर शीट की खरीदारी और दूसरे भुगतानो के लिए बगैर जांच गलत ढंग से राशि का भुगतान किया। टीम ने विश्वविद्यालय में हुए करोड़ों के घोटाले में केस दर्ज किया था। पिछले साल 16 नवंबर को डा. राजेंद्र प्रसाद, उनके पीए सुबोध कुमार, एक्सएलआइसीटी लिमिटेड लखनऊ, पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट प्रिंटर्स और पाटिलपुत्र विवि पटना के कुलसचिव जीतेंद्र कुमार सहित अन्य अज्ञात पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
कानून के शिकंजे से बचने का करते रहे प्रयास
पूर्व कुलपति द्वारा बिना निविदा के विश्वविद्यालय संबंधी कार्यों के लिए 16 करोड़ के अवैध भुगतान के आदेश का आरोप है। कुल घोटाला करीब 30 करोड़ का बताया जाता है। मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति के सरकारी आवास और उसी दिन उनके पैतृक घर गोरखपुर में छापेमारी हुई थी। इसके बाद एसवीयू ने तीन बार नोटिस दिया था लेकिन वह एसवीयू के समक्ष पेश नहीं हुए थे। इसी बीच उन्होंने बीमारी के नाम पर एक महीने की छुट्टी ले ली और कानूनी दावपेंच खेलना शुरू कर दिया। दूसरी तरफ वो हर आरोप का ठीकरा यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के ऊपर फोड़ते रहे। बाद में वह हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए, जहां से गिरफ्तारी पर स्टे लग गया। सुनवाई हुई तो मामला पूर्व कुलपति के पक्ष में नहीं गया। इस पर वह सुप्रीम कोर्ट में चले गए। वहां से भी उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई, पर जब सुनवाई हुई तो मामला पूर्व कुलपति के खिलाफ गया। करोड़ों रुपए का गबन का आरोप होने की वजह से उन्हें सरेंडर करने को कहा गया। कानून का शिकंजा कसते देख बुधवार को उन्होंने सरेंडर कर दिया।