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'जाति आधारित गणना से डरी हुई है बीजेपी', तेजस्वी यादव ने पूछा- क्या OBC PM के कहने पर हो रहा सुप्रीम कोर्ट में विरोध?
Bihar Caste Census: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया। बोले, भाजपा और केंद्र सरकार जातीय आधारित गणना से बुरी तरह घबरा गई है। सटीक सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों की उपलब्धता से ये डरे हैं।
Bihar Caste Census : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बुधवार (23 अगस्त) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आड़े हाथों लिया। तेजस्वी बोले, बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार बिहार में जाति आधारित गणना से बुरी तरह घबरा गई है। राजद नेता ने कहा, अब तो ये खुलकर विश्वसनीय तरीके से कराए जा रहे 'जाति आधारित सर्वे' (Bihar Caste Based Survey) का कोर्ट में विरोध कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया, 'क्या जाति आधारित सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन और गरीबी को हटाकर वंचित, उपेक्षित तथा जरूरतमंद वर्गों का समावेशी विकास बीजेपी के लिए संवैधानिक प्राथमिकता नहीं है।'
...तो इसलिए डरी हुई केंद्र सरकार
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, 'अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार सभी जाति एवं वर्गों के वैज्ञानिक और सटीक सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों (Bihar Socio-Economic Data) की उपलब्धता से इसलिए डरी हुई है, क्योंकि पूंजीपतियों की बजाय इससे सभी वर्गों के गरीबों एवं वंचितों के कल्याण के लिए विकास की नीतियों और कार्यक्रमों को आकार दिया जा सकेगा।'
'OBC प्रधानमंत्री के कहने पर हो रहा विरोध'
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रश्न किया, 'क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वे का विरोध ओबीसी प्रधानमंत्री के कहने से कर रही है? उनका इशारा पीएम नरेंद्र मोदी पर था। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 के दिन करीब आ रहे हैं, बिहार की तमाम विपक्षी पार्टियों के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी हैं। जाति आधारित सर्वे के बहाने तेजस्वी ने पीएम मोदी कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया।
केंद्र ने ठुकरा दिया था जातीय जनगणना का प्रस्ताव
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने बिहार में जातीय जनगणना का प्रस्ताव तकनीकी वजहों का हवाला देते हुए ठुकरा दिया था। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि जाति आधारित विभिन्न तरह के ब्योरे जुटाने के लिए जनसंख्या जनगणना (population census) उपयुक्त साधन नहीं है। इसलिए जनगणना के माध्यम से जाति आधारित जनगणना कराना संभव नहीं है। इसी के बाद से बिहार की विपक्षी पार्टियां केंद्र को निशाने पर लिए है।