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'तेरी मेहरबानियां' फिल्म के गाने के साथ निकाली गयी 'टॉनी' की शवयात्रा, अब बनेगा स्मारक

मालिक ने अपने कुत्ते 'टॉनी' के मरने के बाद मंगलवार को पूरे हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम विदाई दी।

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Newstrack Network NetworkPublished By Monika
Published on: 19 May 2021 3:55 AM GMT (Updated on: 19 May 2021 5:11 AM GMT)
owner performed the last rites on the death of the dog
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कुत्ते की अंतिम यात्रा (फोटो साभार : सोशल मीडिया 

समस्तीपुर: वो कहते है ना एक इंसान दूसरे इंसान को धोखा दे सकता है लेकिन जब बात जानवरों की आती है तो कुत्ते को इंसान का सबसे वफादार माना जाता है । आपने कुत्ते और इंसान की दोस्ती पर कई फिल्में भी देखी होगी । कैसे एक कुत्ता अपने मालिक की जान बचाने के लिए खुद की जान दाव पर लगा देता है । इंसान भी कुत्ते से उतना ही प्यार करता है जितना कुत्ता अपने मालिक से । ऐसा ही एक उदाहरण समस्तीपुर जिले के शेरपुर दियारा गांव में देखने को मिला है । यहां एक कुत्ते जिसका नाम टॉनी था, उसकी शव यात्रा को देख लोग बरसों इसे याद रखने वाले हैं ।

बता दें, विद्यापतिनगर के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते 'टॉनी' के मरने के बाद मंगलवार को पूरे हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम विदाई दी । बैंड बाजे की धुन के बीच निकली टॉनी की शवयात्रा में चलने वाले लोगों की आंखे भी नम हो गई । हर कोई मालिक द्वारा कुत्ते को दिए गए सामान के कायल हो गए । ऐसा कर नरेश ने इंसान और पशु के बीच प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है जिसे लोग सालों तक याद रखेंगे । इस शव यात्रा के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए मास्क लगाने के साथ ही शामिल हुए थे ।

12 साल पहले लाए थे घर

नरेश कुमार साह पेशे से एक ग्रामीण चिकित्सक हैं । वह इस कुत्ते को 12 साल पहले सोनपुर मेले से एक विदेशी नस्ल का कुत्ता खरीद लाए थे । बचपन से ही उसकी देख भाल किया और बड़े ही प्यार से पाला । घर से सदस्यों के साथ साथ वह आसपास के लोगों का भी चाहिता था । टॉनी की मौत के बाद सभी ने मिल कर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके । इसके बाद टॉनी को भी पूरे हिन्दू रीति-रिवाज के साथ अर्थी पर अंतिम यात्रा निकाली गई ।

शव यात्रा में गांव हुआ शामिल

एक ठेले को फूल माला से सजाया गया । साउंड सिस्टम लगा कर शवयात्रा निकाली गई । जिन जिन रास्तों से शव यात्रा चल रही थी, टॉनी के सम्मान में ग्रामीण फूल चढ़ाकर श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहे थे । गांव की सहायक नदी 'वाया' के किनारे टॉनी को दफनाया गया । साथ ही अलग अलग प्रजाति के कई पौधे भी लगाये जाएंगे, साथ ही उसकी स्मृति स्मारक भी बनाया जाएगा। टॉनी के प्रति कितना प्यार लोगों में हैं, आप इस बात से लगा सकते हैं कि सभी ने तेरहवीं पर भोज का आयोजित करने का निर्णय लिया है ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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