India News: JN.1 वेरिएंट से देशभर में बढ़ रहे कोरोना के मामले, 263 तक पहुंची मरीजों की संख्या; केरल में सबसे अधिक संक्रमित

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के कारण पूरे देश में संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में मंगलवार को पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 573 नए मामले सामने आए हैं।

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 2 Jan 2024 1:00 PM GMT (Updated on: 2 Jan 2024 1:34 PM GMT)
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कोरोना वायरस source: social media 

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corona cases in India:कोरोना वायरस के नए JN.1 वेरिएंट के कारण, भारत सहित कई और देशों में भी संक्रमण की रफ्तार में वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस के 573 नए मामले सामने आए हैं और एक्टिव मरीजों की संख्या 4,565 है। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के अनुसार, देश में कोविड-19 के नए JN.1 वेरिएंट के कुल 263 मामले सामने आए हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा मामले केरल में दर्ज किए गए हैं।

10 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में JN.1 वैरिएंट के केस हुए दर्ज़

अभी तक 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के जेएन.1 वैरिएंट की मौजूदगी दर्ज़ की गई है। आईएनएसएसीओजी (INSACOG) के अनुसार, इन राज्यों में केरल (133), गोवा (51), गुजरात (34), दिल्ली (16), कर्नाटक (8), महाराष्ट्र (9), राजस्थान (5), तमिलनाडु (4), तेलंगाना (2) और ओडिशा (1) हैं। जारी किये गए आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में देश में दर्ज किए गए कोविड के 239 मामलों में जेएन.1 पाया गया है, जबकि नवंबर में ऐसे 24 मामले सामने आए थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जेएन.1 को उसके तेजी से वैश्विक प्रसार के बाद निगरानी में रखने के लिए वर्गीकृत किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि सीमित साक्ष्यों को ध्यान में रखकर जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कम है। हालांकि, हाल ही के सप्ताहों में कई देशों से जेएन.1 के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। केंद्र ने देश में कोविड-19 के मामलों और JN.1 वेरिएंट के प्रकट होने की संख्या में बढ़ोतरी के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस पर निगरानी बनाए रखने को कहा है।

WHO ने बताया घबराने की बात नहीं है

विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक साक्षात्कार में बताया है कि इस नए वेरिएंट से सतर्क रहने की जरूरत है। हमें केवल सामान्य बचाव के उपायों को अपनाना है। बचाव के लिए मास्क का प्रयोग करना है। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से बचें। इसके लक्षण आम फ्लू जैसे ही होते है। अगर बुखार या सांस फूलने जैसी कोई भी समस्या होती है तो तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। उन्होंने आगे कहा कि हमें यह ध्यान देना होगा कि अभी सर्दी का मौसम है। हमें सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी कहना है कि वर्तमान साक्ष्यों के आधार पर जेएन-1 का जोखिम कम है।

Aakanksha Dixit

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नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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