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Digital Currency: 109 देश कर रहे डिजिटल करेंसी का परीक्षण, जा रहा नोट और सिक्के का युग

Digital Currency: भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 नवंबर को होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपये का सफलतापूर्वक पायलट लॉन्च किया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 4 Nov 2022 8:17 AM GMT
Transactions with Digital Currency
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Transactions with Digital Currency (सोशल मीडिया)

Digital Currency: भारत उन सौ से अधिक देशों की जमात में शामिल हो गया है जो डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) का परीक्षण कर रहे हैं। इस क्रम में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने 1 नवंबर को होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपये का सफलतापूर्वक पायलट लॉन्च किया है। इस पायलट लांच में डिजिटल रुपये का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों में सेकेंडरी बाजार लेनदेन के निपटान के लिए किया जाएगा।

पायलट लांच में भाग लेने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी की पहचान की गई है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपया भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।

दस देशों के केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल मुद्राओं का उपयोग शुरू

अमेरिका स्थित अटलांटिक काउंसिल नाम के थिंक टैंक का कहना है कि दस देशों के केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करना शुरू कर दिया है। बहामास, नाइजीरिया, एंटीगुआ, डोमिनिका, ग्रेनाडा, मोंटसेराट, सेंट किट्स, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइन्स कैरिबियन देश हैं जो डिजिटल मुद्राओं का उपयोग कर रहे हैं। और कम से कम 109 देश या तो एक पायलट परियोजना कर रहे हैं या अपने संबंधित देशों में डिजिटल मुद्राओं को लागू करने के लिए तैयार हैं। अक्टूबर 202 में, सेंट्रल बैंक ऑफ बहामास एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने वाला पहला केंद्रीय बैंक बन गया। फ्रांस, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड ने भी अपनी तरह के पहले क्रॉस-क्षेत्रीय परीक्षण में अपने प्रायोगिक सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राओं (सीबीडीसी) का एक संयुक्त परीक्षण शुरू किया है। यह परियोजना लगभग छह महीने तक चलेगी।

जी-20 देशों में से 19 देश डिजिटल मुद्राओं को अपनाने की ओर अग्रसर

अटलांटिक काउंसिल के अनुसार, जी-20 देशों में से 19 देश डिजिटल मुद्राओं को अपनाने की ओर अग्रसर हैं। पिछले छह महीनों में, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और रूस जैसे देशों ने इस दिशा में बड़ी प्रगति की है। दूसरी ओर, अमेरिका, यूके और मैक्सिको भी शोध कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक जीडीपी में 105 देशों की 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मई 2020 में, डिजिटल मुद्राओं की तरफ जाने वाले देशों की संख्या 35 से 100 हो गई है।

क्या है डिजिटल रुपया

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) किसी देश के केंद्रीय बैंक (भारत में आरबीआई) द्वारा जारी की जाती है। यह बिल्कुल कागजी मुद्रा की तरह है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक रूप में। सीबीडीसी एक संप्रभु मुद्रा है जो केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर देयता (करेंसी इन सर्कुलेशन) के रूप में दिखाई देगी। सीबीडीसी को नकदी के बराबर विनिमय योग्य होना चाहिए।

सीबीडीसी बनाम क्रिप्टोकरेंसी

आरबीआई की अपनी परिभाषा के अनुसार, "सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक कानूनी मुद्रा है। यह सामान्य मुद्रा के समान है और सामान्य मुद्रा के साथ विनिमय योग्य है। केवल उसका रूप भिन्न है।"

आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, सीबीडीसी कोई वस्तु नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी का कोई जारीकर्ता नहीं होता है। वह निश्चित रूप से मुद्रा नहीं है। कुल मिलाकर डिजिटल करेंसी रुपये के नोट या सिक्कों का ही डिजिटल स्वरूप है। डिजिटल रुपए के बदले में कागजी नोट लिए जा सकते हैं। डिजिटल करेंसी को रिज़र्व बैंक द्वारा ही जारी और रेगुलेट किया जाएगा।

Deepak Kumar

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