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Ambuja और ACC सीमेंट का अडाणी ने किया अधिग्रहण, भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी बना यह समूह
Adani Group: इस बीच अंबुजा सीमेंट बोर्ड ने कर्ज या इक्विटी के जरिए पूंजी जुटाने पर चर्चा के लिए शुक्रवार को अहम बैठक भी की है। इस दौरान अंबुजा सीमेंट्स बोर्ड ने वारंट के अधिमान्य आवंटन के माध्यम से अंबुजा में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी।
Adani Group News: इस बीच अंबुजा सीमेंट बोर्ड ने कर्ज या इक्विटी के जरिए पूंजी जुटाने पर चर्चा के लिए शुक्रवार को अहम बैठक भी की है। इस दौरान अंबुजा सीमेंट्स बोर्ड ने वारंट के अधिमान्य आवंटन के माध्यम से अंबुजा में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी।
अदाणी समूह ने शुक्रवार को अंबुजा सीमेंट्स और उसकी सहायक कंपनी एसीसी लिमिटेड का स्विट्जरलैंड के होल्सिम समूह से 6.4 अरब डॉलर में अधिग्रहण पूरा कर लिया। इस अधिग्रहण के साथ ही आदित्य बिड़ला समूह के अल्ट्राटेक सीमेंट के बाद अदाणी भारतीय बाजार में दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक बन गए हैं।
शुक्रवार को जारी हुई फोर्ब्स रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बर्नार्ड अरनॉल्ट और जेफ बेजोस को पछाड़कर दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. अब वो विश्व के अमीर उद्योगपतियों की सूची में केवल टेस्ला के सह-संस्थापक और सीईओ एलोन मस्क के बाद दूसरे स्थान पर हैं। इस बीच अंबुजा सीमेंट बोर्ड ने कर्ज या इक्विटी के जरिए पूंजी जुटाने पर चर्चा के लिए शुक्रवार को अहम बैठक भी की है. इस दौरान अंबुजा सीमेंट्स बोर्ड ने वारंट के अधिमान्य आवंटन के माध्यम से अंबुजा में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी।यह फैसला अंबुजा को सीमेंट बाजार में अप्रत्याशित तरक्की करने के लिए तैयार करेगा।
वहीं अदाणी समूह के व्यापार दर्शन के अनुरूप ये कार्रवाई सभी हितधारकों के लिए मूल्य निर्माण में काफी तेजी लाएगी। होल्सिम के साथ लेनदेन में अदाणी की अंबुजा सीमेंट में 63.15% की हिस्सेदारी होगी वहीं एसीसी में 56.69% हिस्से पर अदाणी का अप्रत्यक्ष रूप से मालिकाना हक होगा। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी का संयुक्त बाजार पूंजीकरण आज की तारीख में 19 अरब अमेरिकी डॉलर का है। इस अधिग्रहण के साथ ही अब अदाणी समूह अब भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता (67.5 एमटीपीए) कंपनी बन गई है। इस बड़ी उपलब्धि पर अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, "भारत की तरक्की के लिए सीमेंट व्यवसाय एक हेडरूम की तरह है और यही चीज सीमेंट को एक रोमांचक व्यवसाय बनाती है। इससे हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग तकनिकी को 2050 के बाद के परिदृश्य के रूप में देख सकेंगे।