Adani Group: दो महीने की कमाई अदाणी ने पांच दिन में गंवाई, इतने कम समय में छुआ था आसमान

Adani Group: अदाणी समूह की भारतीय अर्थव्यवस्था में छलांग बेहद अप्रत्याशित है। एक साल के अंदर कंपनी ने अपनी मार्केट कैप में आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 22 Jun 2021 1:12 PM GMT
Adani Group: दो महीने की कमाई अदाणी ने पांच दिन में गंवाई, इतने कम समय में छुआ था आसमान
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Adani Group: अदाणी समूह ने महज पांच दिन में अपनी दो महीने की कमाई गवां दी है। इसकी वजह कंपनी में बाहर से आए निवेश पर उठे सवाल हैं जो सेबी की कार्रवाई के बाद सामने आए हैं। अदाणी समूह ने हालांकि पिछले एक साल के दौरान अपनी हैसियत में लगभग आठ गुना बढ़ोत्तरी की है। इसके बावजूद बाजार अब अदाणी समूह पर संभलकर प्रतिक्रिया दे रहा है।

अदाणी समूह की भारतीय अर्थव्यवस्था में छलांग बेहद अप्रत्याशित है। एक साल के अंदर कंपनी ने अपनी मार्केट कैप में आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। महज एक साल पहले मार्च 2020 में अदाणी समूह का मार्केट कैप 1 लाख 31 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था लेकिन कोरोना काल में कंपनी का कारोबार हर क्षेत्र में बढ़ता गया।

कंपनी की इतनी ग्रोथ

कंपनी को जबरदस्त मुनाफा होता रहा लिहाजा 11 जून 2021 को अदाणी समूह का मार्केट कैप 9 लाख 42 हजार 895 करोड़ पर पहुंच गया। यह अलग बात है कि सेबी की कार्रवाई के बाबत जानकारी बाजार में पहुंची तो अदाणी समूह को लगातार पांच दिन तक लोअर सर्किट का सामना करना पड़ा।

19 जून को मार्के ट बंद होने के वक्त पर कंपनी का मार्केट कैप घटकर 7 लाख 90 हजार 278 करोड़ रुपये हो गया। महज पांच दिन में कंपनी को 1 लाख 52 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। बीते एक साल के दौरान अदाणी समूह की छह सूचीबद्ध कंपनियों की कुल मार्केट कैप में 487 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली है।

जबकि टाटा समूह की मार्केट कैप में इस दौरान महज 99 प्रतिशत और रिलायंस की मार्केट कैप 65 प्रतिशत की मजबूती देखने को मिली है। इस दौरान देश की 1000 टॉप कंपनियों के मार्केट कैप में 80 प्रतिशत की ग्रोथ ही देखने को मिली है।

अदाणी समूह की अदाणी टोटल गैस ने एक साल में 1235 प्रतिशत की छलांग लगाई है जबकि अदाणी इंटरप्राइजेज ने 850 और अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 686 प्रतिशत मजबूत हुए हैं।

फर्श से अर्श पर छाने और नीचे गिरने की कहानी

अदाणी समूह पिछले कई सालों से लगातार अपनी हैसियत मजबूत करता रहा है। समूह की कंपनियों ने जिन क्षेत्रों में निवेश किया वह सभी देश की विकास परिकल्पना से जुड़ी हुई हैं। सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए समूह की कंपनियों ने गैस वितरण से लेकर पॉवर ट्रांसमिशन, पॉवर जनरेशन, एयरपोर्ट, पोर्ट के विकास पर फोकस किया।

कोरोना काल में जब ज्यादातर कंपनियों को बाजार बंद होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ा तो भी अदाणी समूह की गतिविधियां जारी रहीं। अदाणी इंटरप्राइजेज ने जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति से पैसे बनाए। समूह की संभावनाओं को देखते हुए निवेशकों ने भी हाथ खोलकर पैसे लगाए।

फोटो-सोशल मीडिया

इसका परिणाम रहा कि एक साल पहले महज 1 लाख 31 हजार करोड़ का मार्केट कैप बढक़र 9 लाख 45 हजार करोड़ पर पहुंच गया। इस बीच 14 जून 2021 को खबर आई कि अदाणी समूह की कंपनियों में तीन ऐसे विदेशी निवेशकों का निवेश है जिनके स्थिति संदिगध है। उनकी डिटेल डिपॉजटरीज भी नहीं है। सेबी ने इन तीनों कंपनियों पर रोक लगा दी है।

ये पांच साल पुराना मामला

इस खबर ने बाजार में भूचाल ला दिया और देखते ही देखते अदाणी समूह के शेयर धड़ाधड़ कर नीचे गिरने लगे । समूह की सभी छह प्रमुख कंपनियों के शेयर 25 प्रतिशत तक नीचे गिर गए हैं। अदाणी पॉवर, अदाणी ट्रांसमिशन, अदाणी टोटल गैस गे शेयर में तो लगातार तीन दिन तक लोअर सर्किट लगता रहा। लोअर सर्किट यानी की किसी एक कारोबारी दिन में शेयर में अधिकतम गिरावट देखने को मिली।

बाजार में जोर का झटका खाने के बाद अदाणी समूह को होश आया। पहले उसने पूरे मामले का खंडन किया था लेकिन बाद में 15 जून को बयान जारी कर बताया कि कुछ डीमैट एकाउंट को सेबी ने सस्पेंडे किया है और इन्हें सस्पेंडेंड फॉर डेबिट कैटेगरी में डाला है। यह पांच साल पुराना मामला है। 16 जून 2016 को सेबी ने इस बारे में निर्देश दिया था।

इसी क्रम में तीन विदेशी कंपनियों का अकाउंट फ्रीज किया गया है। समूह की ओर से बयान आने के बाद बाजार में और ज्यादा सतर्कता देखी गई। निवेशक मान रहे हैं कि इस तरह के पुराने आदेश मुमकिन हो कि अब भी फाइलों में दबे हों। दूसरी ओर जिन विदेशी कंपनियों के निवेश को संदेह की नजर से देखा जा रहा है उनमें क्रे स्टा फंड, अलबुला इंवेस्टमेंट और एपीएमएस इंवेस्टमेंट फंड का नाम लिया जा रहा है।

नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड एनएसडीएल के अनुसार अदाणी समूह में इन कंपनियों ने कुल 43500 करोड़ का निवेश किया है। इस निवेश के बारे में सेबी से जानकारी छुपाई जा रही है। इन पैसों का मालिक कौन है इसके कोई नहीं जान रहा है।

इसलिए सेबी इसे मनी लॉड्रिंग का मामला मान रही है। एनएसडीएल के अनुसार इन कंपनियों के खातों को इस साल 31 मई से पहले फ्रीज किया गया है लेकिन यह जानकारी भी निवेशकों को 14 दिन बाद मिल सकी। यही वजह है कि अदाणी समूह की कंपनियों को लेकर निवेशक चौकन्ने हैं और शेयर बाजार में कंपनी को डुबकी लगानी पड़ रही है।

हफ्तेभर में अडाणी टोटल गैस, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर के शेयरों से निवेशकों को २२त्न से ज्यादा का घाटा हुआ। एक्सपर्ट्स की मानें तो इन शेयरों में आगे भी गिरावट जारी रहने की आशंका है। बावजूद इसके कि अडाणी ग्रुप ने मामले पर सफाई दे दी है। शेयरों में गिरावट से कंपनियों की मार्केट वैल्यू घटी।

Vidushi Mishra

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