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Gautam Adani को नहीं फला यह कारोबार, पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत का दौर शुरू; लुढ़के कंपनी के शेयर
Gautam Adani Sell Stake: अरबपति कारोबारी अडानी को खाद्य तेल के कारोबार से बीते कई तिमाहियों से काफी घाटा हो रहा है। अडानी विल्मर ने बीते 1 नवंबर को दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किये थे।, जिसमें कंपनी ने सितंबर 2023 तिमाही के लिए 130.73 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया।
Gautam Adani Sell Stake: अभी तक अडानी ग्रुप के चैयरमैन और भारत के नबंर दो अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने जिस भी कारोबार में हाथ अजामाया है, उसमें उन्हें सफतला ही मिली है, लेकिन हर कारोबार में यह सफलता मिले यह संभाव नहीं। गौतम अडानी सीमेंट, एयरपोर्ट, पोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया जैसे कई क्षेत्रों में सफल कारोबारी हैं, लेकिन खाद्य तेल के क्षेत्र में उन्हें काफी वह सफलता नहीं मिले है, जिसकी वह मिलने की उम्मीद कर रहे थे। बीते कई तिमाही से अडानी ग्रुप की अडानी विल्मर लिमिटेड के नतीजे अच्छे भी नहीं आ रहे हैं। अब अरबपति गौतम अडानी अडानी विल्मर लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए अडानी ग्रुप किसी विदेशी फर्म से बातचीत भी चल रही है। विल्मर की हिस्सेदारी की बिक्री की खबर बाहर आते ही शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों में गिरावट भी देखी गई है। इसका शेयर दो फीसदी टूटा है।
विल्मर में अडानी की 43.97 फीसदी हिस्सेदारी
एक बिजनेस मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप अब FMCG बिजनेस से पूरी तरह बाहार निकालना चाहता है। हिस्सेदारी बिक्री के लिए ग्रुप कई एमएलसी कंपनियों के साथ बातचीत का दौर भी जारी है। ऐसी संभावना है कि इस बिक्री की डील एक महीने के अंदर पूरी हो सकती है। यानी नवंबर महीने में अडानी ग्रुप विल्मर से बाहर निकल सकती है। आपको बता दें कि अडानी विल्मर का बाजार में फॉर्च्यून ब्रांड के नाम से खाद्य तेल आता है। इसके अलावा कंपनी पैकेज्ड ग्रॉसरी बेचने का भी कारोबार करती है। अडानी की विल्मर में कुल 43.97 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल (Wilmar International) की है। अडानी का इस कंपनी के साथ एक ज्वाइंट वेंचर है, इसलिए इसका नाम अडानी विल्मर रखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप Adani Wilmar में हिस्सेदारी 2.5-3 अरब डॉलर में बिकने की उम्मीद जता रहा है। गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप अब इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स में इन्वेस्टमेंट पर अपना पूरा फोकस कर रहा है और कुछ व्यवसायों से बाहर निकलने की योजना बना रहा है। अडानी विल्मर में विनिवेश की योजना उन्हीं योजनाओं का हिस्सा है।
पहले भी हिस्सेदारी बेचने की आई थी खबर
इस साल की शुरुआत में ऐसी मीडिया रिपोर्टें थीं, जिनमें कहा गया था कि पोर्ट-टू-पावर समूह की प्रमुख कंपनी अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही थी। हालांकि ग्रुप ने विल्मर वेंचर्स से बाहर निकलने की खबरों का खंडन किया था।
लगातार तिमाही में कंपनी को हो रहा घाटा
अरबपति कारोबारी अडानी को खाद्य तेल के कारोबार से बीते कई तिमाहियों से काफी घाटा हो रहा है। अडानी विल्मर ने बीते 1 नवंबर को दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किये थे।, जिसमें कंपनी ने सितंबर 2023 तिमाही के लिए 130.73 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया। इससे पहले पिछले साल की अवधि में विल्मर को 48.76 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। अडानी विल्मर का कुल खर्च इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान ₹12,439.45 करोड़ रहा, जो एक साल पहले की अवधि में ₹14,149.62 करोड़ था। दूसरी तिमाही के दौरान, खाद्य तेल व्यवसाय ने कुल मात्रा में 58 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि परिचालन से कुल राजस्व में खाना पकाने के तेल का योगदान 74 प्रतिशत था, जो 12,267 करोड़ रुपए था।
फरवरी 2021 में हुई थी विल्मर लिस्ट
खाद्य तेल खंड में नुकसान के कारण लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जो कि खाद्य और एफएमसीजी और उद्योग के आवश्यक क्षेत्रों में बेहतर मार्जिन से आंशिक रूप से ऑफसेट था। अदानी विल्मर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि खाद्य तेल का घाटा मुख्य रूप से हाजिर (भौतिक) और भविष्य की कीमतों में भिन्न रुझानों से प्रेरित होता है, जिसके परिणामस्वरूप हेजिंग घाटा होता है। विल्मर का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4099 करोड़ रुपये का है। कंपनी के शेयर स्टॉक मार्केट में फरवरी 2021 में लिस्ट हुए थे। उस समय विल्मर का शेयर बाजार 211 रुपए था। जैसे कारोबार आगे बढ़ा तो कुछ ही समय में विल्मर का शेयर बाजार में 878.35 रुपये के ऑल टाइम हाई लेवल को टच कर गया और आज यह 315 रुपये पर कारोबार किया।
शेयरों में गिरावट
पूरी हिस्सेदारी से बाहर निकलने वाली खबर आते ही कारोबारी हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार को अडानी विल्मर के शेयर में गिरावट दर्ज हुई। सोमवार के कारोबार खत्म होने तक विल्मर का शेयर 1.86 फीसदी टूटकर 311.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। आज निवेशकों को प्रति शेयर 5.90 रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। विल्मर का का 52-वीक का हाई लेवल 703.40 रुपये है, जबकि विल्मर का 52-वीक का लो 303.10 रुपए था।