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Banana Farming: केला के साथ शिमला मिर्च उगाकर ये किसान कमा रहा लाखों रुपये, कम लागत और ज्यादा मुनाफा
Banana Farming: किसानों को केल खेती करने के लिए वर्षा वाला क्षेत्र या फिर पानी वाला स्थान हो, इसके साथ जीवांश युक्त दोमट और मटियार दोमट भूमि हो और इस भूमि पर पानी की निकासी की उत्तम व्यवस्था हो। यह इस खेती के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
Banana Farming: अगर किसी भी खेती को योजनापूर्वक किया जाए तो वह प्रॉफिट में तबदली हो सकती है। और इस प्रॉफिट को धीरे धीरे बड़ा किया जा सकता है। जब से टेक्निकल का दौर आया है, तब से खेती भी टेक्निकल हो चली है। टेक्निकल खेती के दौर में अब देश के युवा अन्य सेक्टरों के साथ खेत खलियान पर भी ध्यान देना रहे हैं और तरह तरह की फसलों को उगाकर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। अगर आप भी खेती से लाभ कमाना चाहते हैं तो आज हम आपको ऐसे फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको लगाने से सालाना लाखों रुपये तक कमा जा सकता है। इसके अलावा अगर इसमें एक साथ दो फसल लगा दें तो कम समय में लाभ दोगुना हो सकता है।
यह हैं दो कमाई वाली फसल
एक साथ दो फसल लगाने की बात कोई हवा हवाई नहीं हो रही, बल्कि इसका एक उदाहरण भी मौजूद है। अगर आप केला खेती के साथ शिमला मिर्च की भी खेती करते हैं तो कम समय लखपति बन सकते हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह होती है कि एक साथ दो फसल लगाने से लागत में कमी आती है। ऊपर से लाभ दोगुना बढ़ जाता है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर के गोपालपुर भट्ठा गांव के रहने वाले आलोक पांडे इसी तरह की खेती कर रहे हैं। पांडे अपने खेतों में केला के साथ शिमला मिर्च की भी खेती कर रहे हैं। इस विधि से उनकी खेती में लागत में भी कम आ रही है और मुनाफा दोगुना हो रहा है। इस वह महीनें 20 हजार से लेकर 40 हजार रुपए तक की बचत कर रहे हैं।
टपक सिंचाई से लागत में आती है कमी
उनका कहना है कि केला की खेती करने के लिए सबसे अधिक पानी का खर्च आता है। इससे खेती की लागत दोगुनी होती है। लेकिन इस लागत से मुक्ति पाने के लिए वे टपक सिंचाई विधि का उपयोग कर रह हैं। इसके अलावा खेत में उगे खरपतवार को खत्म करने के लिए मल्चिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसकी विधित को कहते हैं मल्चिंग
दरअसल, मल्चिंग उस विधि को कहते है, जब किसान खेतों में मेड बनाना कर पॉलिथीन की एक सीट बिछा देता है। इस सीट में वहीं छेद किया जाता है, जहां पर उसको पौधे लगाने होते हैं। इससे अन्य जहग खेती की मिट्टी को धूप, हवा और पानी नहीं मिला पाता है,जिससे खेत में खरपतवार पैदा नहीं होता है।
केला और शिमला मिर्च से कमाई
उनका कहना है कि कोई किसान चाहे तो इस विधि को अपना कर केला और शिमला मिर्च की खेती कर सालाना लाखों रुपए की आय अर्जित कर सकता है। पांडे को एक बीधा में केले की खेती करने पर 20 हजार रुपये का खर्चा आता है। इससे वह 50-60 हजार रुपये की कमाई कर रहे हैं। वहीं, एक बीधा में शिमला मिर्च लगाने पर 10-15 हजार रुपये का खर्च आता है। और इस खर्च के बाद वह 35 हजार रुपए का प्रॉफिट कमा रहे हैं।
इन बातों को रखें ध्यान
हालांकि किसानों को केल खेती करने के लिए वर्षा वाला क्षेत्र या फिर पानी वाला स्थान हो, इसके साथ जीवांश युक्त दोमट और मटियार दोमट भूमि हो और इस भूमि पर पानी की निकासी की उत्तम व्यवस्था हो। अगर आपके यहां यह व्यवस्था उपलब्ध हैं तो आपके लिए केल की खेती सबसे उत्तम फसल रहेगी। केला की खेती के लिए जमीन का पीएच मान 6-7.5 अच्छा होता है।
केला के लिए भूमी की तैयारी
केला की खेती के लिए खेत में 30 x30 x 30 सें. मी. या 45 x 45 x 45 सें. मी. आकार के गड्ढें, 1.8 x 1.8 खोदें। यह गड्ढें बौनी प्रजाति केले के लिए होते हैं। लंबी प्रजाति के लिए 2 x2 मीटर के गड्ढा खोदें। इनकी खुदाई मई जून में हो जाना चाहिए। उसके बाद 15 दिनों के लिए खुला छोड़ देना चाहिए, ताकि धूप में हानि कारक कीट, फफूँद, जीवाणु व कीट मर जाएं। उसके बाद 20 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद (कम्पोस्ट), एक किलो अंडी या नीम खल्ली, 20 ग्राम फ्यूराडान का मिश्रण कर खोदे गड्ढे में डाल दें। इससे खेती में जान आएगी और पैदावार अधिक होगी।