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Bhagwa Anar Ki Kheti: भगवा अनार की विदेशों में जबदरस्त मांग, किसानों की हो रही तूफानी कमाई, पहली खेप अमेरिका रवाना
Bhagwa Anar ki kheti: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि उपज निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने फलों के निर्यात के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पायलट आधार पर पहले परीक्षण के तहत ताजा अनार की पहली निर्यात खेप बीते 9 अगस्त को अमेरिका भेजा है।
Bhagwa Anar ki kheti: अगर आप खेती किसानी से जुड़े हुए हैं और इससे अधिक कमाई करने की लालसा रखते हैं तो हमेशा कोशिश करें फल की खेती हो। बाजार में फल की काफी मांग रहती है, यहां तक कुछ किस्मों के फलों को विदेशों तक में निर्यात किया जाता है, जिस वजह से किसानों को फल की खेती करने पर लाभ अधिक मिलता है। आज तक जो किसान इससे जुड़ा है, वह कभी पीछे मुड़कर नहीं दिखा है। देश के कई किसान फल की फसल से सालाना लाखों और करोड़ रुपये की कमाई कर रहे हैं। आज हम इस लेख के माध्मय से अनार की एक ऐसी किस्म के बारे में बताऊंगा, जिसकी देश में क्या विदेशों में भी जबरदस्त मांग होती है। देश में इस अनार की खेती करने वाला किसान आराम से एक सीजन में 10 लाख रुपये की कमाई करता है। ऐसे में आपके पास भी इस किस्म से अधिक लाभ कमाने का मौका है।
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हाल ही में अमेरिका रवाना हुई भगवा अनार की खेप
दरअसल, अनार की एक किस्म ‘भगवा’ है। यह अनार की नई व उत्तम किस्म होती है। इस भगवा अनार किस्म की अमेरिका सहित कई देशों में जोरदार मांग होती है। इसके अलावा यूएई, बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, बहरीन, ओमान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भारतीय अनार की भी मांग होती है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि उपज निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने फलों के निर्यात के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पायलट आधार पर पहले परीक्षण के तहत ताजा अनार की पहली निर्यात खेप बीते 9 अगस्त को अमेरिका भेजा है। वैसे तो विदेशों में भारतीय अनार की मांग है ही, यदि और बढ़ती है तो इसका सीधा फायदा अनार की खेती करने वाले किसानों को होगा और महाराष्ट्र किसानों को अधिक होगा, क्योंकि यहां के किसान अनार की खेती अधिक करते हैं।
भगवा अनार की खासियत
भगवा अनार अन्य लाल अनार के मामले में कई गुना अच्छ माना गया है। भगवा अनार लोगों की बीमारियों के साथ साथ इम्यून सिस्टम तैयार करने में भी सहायक होता है। और स्वाद में भी काफी अच्छा होता है।
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यहां पैदा होता है सबसे अधिक अनार
भारत में सबसे अधिक अनार महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में पैदा किया जाता है तो इस आधार पर भगवा अनार भी यहीं सबसे अधिक पैदा होता है। यह जिला भारत में अनार निर्यात मामले पर अकेले 50 फीसदी की योगदान करता है। महाराष्ट्र के बाद देश में गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में प्रमुख रूप से अनार की पैदावारी होती है।
कैसे करें अनार की खेती ?
किसान भाई भगवा सहित अन्य अनार की खेती शुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्रों में की जाती है। अनार 10 डिग्री के नीचे तापमान से साथ 48 डिग्री तापमान को भी सह सकता है। बारिश के समय पौधे की खास ध्यान देने की जरूरत होती है। इस दौरान फंगल रोगों का खतरा अधिक बढ़ जाता है, जिसके चलते फल की क्वालिटी पर असर पड़ता है। इसकी खेती ले लिए बलुई दोमट मिट्टी को अच्छा माना गया है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच रहना चाहिए। पौधे लगाते वक्त जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसकी सिंचाई के लिए यदि किसान भाई ड्रिप या छिड़काव वाली तकनीक पर ध्यान दें तो यह फायदेमंद हो सकती है। बुवाई करते ही तुरंत पहली सिचांई कर दें। फिर गर्मी में 7 दिन पर और ठंडी में 15 से 20 दिनों में सिचांई करें। इससे उत्पादन पर काफी असर पड़ता है।
कमाई और उपज
भगाव किस्म अनार की खेती से किसान 1 हेक्टयेर से आराम से18000 किलोग्राम तक पैदावार कर सकता है। इसका एक पौधा 30 से 38 किलो की उपज देता है। यह किस्म सबसे अधिक उपज देने वाली किस्म है। किसान लोग अनार की खेती से प्रति हेक्टेयर करीब 10 लाख रुपए सालाना कमाई कर सकता है। इसमें 3 लाख रुपये पूंजी का निवेश होता है और उससे 7 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है।