Bhartiya Share Bazar: भारतीय शेयर बाजार के 'अच्छे दिन', फ्रांस के बाद अब ब्रिटेन को पछाड़ टॉप- 5 में हो सकता है शामिल

Bhartiya Share Bazar: लंदन एंड कैपिटल एसेट मैनेजमेंट के इक्विटी हेड रोजर जोन्स ने कहा कि भारत का शेयर बाजार बेहद आकर्षक लग रहा है। देश के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है।

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Report amanPublished By Chitra Singh
Published on: 12 Oct 2021 9:24 AM GMT
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शेयर बाजार  (फोटो : सोशल मीडिया )

Bhartiya Share Bazar: भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी से इसके बाजार पूंजीकरण अर्थात 'बाजार हैसियत' में जबरदस्त वृद्धि हुई है। अगर ऐसा ही रहा, तो बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारतीय शेयर बाजार पांचवें स्थान पर आ सकता है। सितंबर महीने में ही यह फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए छठे स्थान पर आ गया था। रिकॉर्ड न्यूनतम ब्याज दर और खुदरा निवेश भारतीय शेयर बाजार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, भारतीय शेयर मार्केट का 'बाजार पूंजीकरण' इस साल 37 प्रतिशत बढ़कर 3.46 लाख करोड़ डॉलर हो गया। जबकि ब्रिटेन का इसी दरमियान बाजार पूंजीकरण नौ फीसदी बढ़कर 3.59 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। लंदन एंड कैपिटल एसेट मैनेजमेंट के इक्विटी हेड रोजर जोन्स ने कहा कि भारत का शेयर बाजार बेहद आकर्षक लग रहा है। देश के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, ब्रिटिश अर्थव्यवस्था 'ब्रेक्जिट रेफरेंडम' के नतीजों के बाद से ही संघर्ष कर रही है।'

पिछले साल मार्च से 130 प्रतिशत उछला बाजार

जानकारों की मानें, तो पिछले साल मार्च महीने में जब भारत में कोरोना महामारी ने दस्तक दी थी, तब शेयर बाजार धड़ाम हुआ था। लेकिन अब हालात बिलकुल विपरीत हैं। बीएसई का सेंसेक्स पिछले साल मार्च के बाद से करीब 130 प्रतिशत तक उछल चुका है। इसने बीते पांच सालों में निवेशकों को सालाना 15 प्रतिशत रिटर्न दिया है। जबकि इसी अवधि में ब्रिटेन के बेंचमार्क FTSE 100 Index ने इस दौरान छह फीसद का ही रिटर्न दिया है। आंकड़ों से साफ जाहिर है कि निवेशकों के लिए भारतीय बाजार किस प्रकार बेहतर रिटर्न दे रहा है।

भारतीय शेयर बाजार (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

उछाल की ये रही वजहें

भारतीय शेयर बाजार के इस उछाल की कई वजहें रही हैं। जिनमें से एक लगातार बढ़ता प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानि एफडीआई रहा है।अनुमान है कि इस साल दीपावली तक घरेलू बाजार एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। बाजार के उछाल की एक अन्य वजह कोरोना पर नियंत्रण भी है। कोविड-19 टीकाकरण से निवेशकों में कोरोना का डर खत्म होता नजर आ रहा है। इसके अलावा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के संकेतों की उम्मीद से भी बाजार इन दिनों गुलजार है। वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेतों आदि से प्रभावित होकर बाजार जल्द ही एक नए शिखर पर पहुंच जाएगा। जिस तरह से भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है, अनुमान लगाया जा रहा है कि बाजार पूंजीकरण मामले में यह ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ देगा। हालांकि बाजार पूंजीकरण के मामले में भारत ब्रिटेन से अब ज्यादा पीछे नहीं है। और हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार जिस तरह का परफॉर्मेंस दे रहा है उससे आने वाले दिनों के संकेत काफी शुभ हैं।

गौरतलब है, कि पिछले साल यानि 2020 की ही तरह इस साल भी आईपीओ बाजार गुलजार रहा। हाल ही में कई कंपनियों ने अपना आईपीओ पेश किया। नई सूचीबद्ध कंपनियों के योगदान से भी इस साल बाजार बढ़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ये अच्छे संकेत हैं।

Chitra Singh

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