Bisleri को बेचने की नौबत क्यों आई? कंपनी के मालिक ने बताई वजह..टाटा के साथ हुई डील !

Bisleri News : चौहान परिवार के साथ साल 1969 में बिसलेरी (इंडिया) लिमिटेड का शुरू हुआ सफर अब थमने जा रहा है। टाटा समूह इसे खरीदने जा रही है।

aman
Written By aman
Published on: 24 Nov 2022 2:33 PM GMT
bisleri why need to sell most popular packaged water bottle brand tata to acquire bisleri
X

 बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान (Social Media) 

Bisleri News : आपका गला सूख रहा हो और बोतलबंद पानी खरीदने की बात हो, तो आपके मुंह से एक ही नाम निकलेगा बिसलेरी (Bisleri)। पानी के कारोबार में अब तक जो कद बिसलेरी नई हासिल किया है वो आने वाले समय में भी दूसरी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। लेकिन, अब बिसलेरी बिकने जा रही है। अब वो टाटा समूह (Tata Group) की होने जा रही है। हम सब की बिसलेरी अब टाटा समूह की होने जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा कंज्यूमर (Tata Consumer) बिसलेरी को खरीद सकती है। ख़बरों की मानें तो टाटा ग्रुप ने करीब 7000 करोड़ रुपए बोली लगाकर सौदा तय कर लिया है। हालांकि, बिसलेरी को खरीदने की रेस में कई कंपनियां शामिल थीं। इनमें नेस्ले सहित कई विदेशी कंपनियां भी थी। ख़बरों के मुताबिक, बाजी टाटा समूह ने मारी। कहा जा रहा है इस सौदे को लेकर दोनों कंपनियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। ख़ुशी की बात ये है कि बिसलेरी देश के बाहर नहीं जा रही।

...तो ये है लोकप्रिय ब्रांड बिसलेरी बिकने की वजह

आपको बता दें कि, बिसलेरी की कमान संभाल रहे रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने इसे बेचने का फैसला लिया। अब सवाल उठता है कि, जब बिसलेरी देश का सबसे पॉपुलर ब्रांड है साथ ही अच्छा कारोबार भी कर रहा है तो फिर इसे बेचने की नौबत क्यों आई? दरअसल, बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान अब 82 साल के हो गए हैं। बढ़ती उम्र और लगातार गिरते स्वास्थ्य की वजह से वो कारोबार पर पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से बिसलेरी का सौदा किया जा रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिसलेरी को आगे बढ़ाने या विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए चेयरमैन के पास कोई योग्य उत्तराधिकारी नहीं है।


योग्य उत्तराधिकारी न होना बड़ी वजह

इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, रमेश चौहान की बेटी जयंती (Jayanti) बिसलेरी की वाइस चेयरपर्सन हैं। पिता की वजह से वो कारोबार से तो जुड़ी हैं, मगर आगे बढ़ाने को लेकर बहुत उत्सुक नहीं है। जिस कारण रमेश चौहान ने बिसलेरी को बेचने का फैसला लिया। आपको बता दें, बिसलेरी के चेयरमैन और एमडी रमेश चौहान हैं तो उनकी पत्नी Zainab Chauhan कंपनी की निदेशक हैं। मतलब, बिसलेरी की पूरी कमान अब तक एक परिवार के हाथों में ही रही है।

बेटी को बहुत दिलचस्पी नहीं

बिसलेरी बेचने से संबंधित सवाल पूछे जाने पर कंपनी के मालिक और उद्योगपति रमेश चौहान ने कहा, 'आगे चलकर किसी न किसी को तो इस कंपनी को संभालना ही होगा। इसलिए हम उचित रास्ता तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा, उनकी बेटी को कारोबार संभालने में बहुत दिलचस्पी नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा अभी केवल बातचीत चल रही है, डील पर मुहर नहीं लगी है।'


1969 में शुरू हुआ था सफर

उद्योगपति रमेश चौहान कारोबारी घराने से आते हैं। वर्ष 1969 में चौहान परिवार के नेतृत्व वाली पारले ने बिसलेरी (इंडिया) लिमिटेड को ख़रीदा था। जब इस कंपनी को चौहान ने खरीदी थी तब उनकी आयु महज 28 साल थी। चौहान ने 1969 में केवल 4 लाख रुपए में बिसलेरी का सौदा किया था। 1995 में इसकी कमान रमेश जे चौहान के हाथों में आई। इसके बाद पानी के इस कारोबार को पंख लग गए। पैकेज्ड वाटर ये कारोबार चल निकला। इस रफ़्तार से बढ़ा कि आज बिसलेरी बोतलबंद पानी की पहचान बन गया। आपको बता दें, भारत में बोतलबंद पानी का बाजार करीब 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का है। इसमें 60 प्रतिशत हिस्सा असंगठित है। जबकि, संगठित बाजार में बिसलेरी की हिस्सेदारी करीब 32 प्रतिशत की है।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story