Calabash Farming Business: लौकी की खेती करने वाले लोग हो रहे लखपति, यहां देखें पूरी जानकारी

Calabash Farming Business Ideas: एक एकड़ में करीब 70 से 90 क्विंटल तक लौकी की पैदावारी की जा सकती है। यदि बाजार में लौकी का सही भाव मिल जाए तो एक सीजन में आराम से 1 लाख से लेकर 1.50 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है।

Viren Singh
Published on: 31 Aug 2023 2:57 PM GMT
Calabash Farming Business: लौकी की खेती करने वाले लोग हो रहे लखपति, यहां देखें पूरी जानकारी
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Calabash Farming Business Ideas (सोशल मीडिया)

Calabash Farming Business Ideas: कई सब्जियों में ऐसे पौष्टिक तत्व पाएं जाते हैं, जो मानव की बड़ी से बड़ी बीमारियों को दूर करने में सहायक होते हैं। इन गुणों के चलते हमेशा से कुछ सब्जियों की मांग बाजार बनी रहती है और जो भी किसान सब्जी की खेती करता है, वह अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों से महेशा खुशहाल रहता है। इस लेख में आज हम आपको उस सब्जी की खेती करने के बारे में जानकारी देंगे, जिसको करके किसान बंपर कमाई कर रहे हैं,क्योंकि इस सब्जी का सेवन Diabetes मरीजों के लिए रामबाण मना गया है और यह सब्जी है लौकी है। लौकी की बाजार में महेशा मांग रहती है और किसान भाई को साल में तीन बार कमाई का मौका देती है।

लौकी में मिलते हैं यह पौष्टिक तत्व

डायबिटीज के मरीजों के लिए लौकी सेवन एक दवा माना गया है। यदि कोई डायबिटीज मरीज लौकी और उसके पत्तों का सेवन करता है तो इससे उसकी डायबिटीज कम हो जाती है। यहां तक प्रति सेवन करने से डायबिटीज खत्म तक हो जाती है। लौकी में विटामिन सी, विटामिन के, कैल्शियम और फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है। इसमें करीब 92 फीसदी पानी मिलता है, इसके चलते जो वह लौकी की सब्जी का सेवन करना है तो उसको शरीर में पानी की मात्र की कमी नहीं होती है। इसके अलावा लौकी लोगों को वजह कम करने में काफी करागर साबित होती है। इसके सेवन से दिल स्वस्थ रहता है। हड्डियां मजूबत रहती हैं। इतने सारे पौष्टिक तत्व होने के चलते है, लौकी का लोग अधिक सेवन करते हैं। इस वजह से मांग अधिक होती तो किसानों को इसकी फसल का दाम अच्छा मिलता है। ऐसे अगर आप किसान हैं और कोई सब्जी की फसल बोने का प्लान बना रहे हैं तो लौकी में सब्जी की खेती सबसे अच्छी रहती है। इससे किसान जल्दी लखपति बना सकता है। इसकी साल में तीन बार पैदावारी की जाती है। तो आइये आपको बताते हैं कि कैसे लौकी की खेती करें?

कैसे करें लौकी खेती

किसान भाई ध्यान दें कि देश में लौकी की खेती कहीं पर की जा सकती है। इसकी खेती के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु की जरूरत होती है। बुवाई का सही सयम गर्मी और वर्षा होती है। लौकी की खेती के लिए सबसे अच्छा तापमान 30 डिग्री मनाना गया है। इसके बीज जमने के लिए -35 डिग्री सेंटीग्रेड और पौधों की बढ़वार के लिए 32 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान अच्छा माना गया है। लौकी के लिए जीवाश्म युक्त हल्की दोमट खेत सबसे अच्छा रहता है। लौकी के लिए भूमि का पीएच मान 6 से 7 होना चाहिए। खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पानी ने भरे और पौधे ना बर्बाद हो। लौकी की खेती के लिए किसान भाई चाहे तो खेत में बीज डालकर इसके पौधे की नर्सरी खुद तैयार सकते हैं या फिर बाजार से लौकी की पौधे लाकर सीधे खेत में बुवाई कर सकते हैं।

कौन सा रहेगा बुवाई का सही समय

किसान भाई लौकी की फसल एक साल के अंदर तीन बार तैयार कर सकते हैं। इसकी फसल जायद, खरीफ और रबी सीजन में तैयारी की जाती है। जायद के समय किसान को लौकी की बुवाई मध्य जनवरी में करनी चाहिए। खरीफ में बुवाई मध्य जून से प्रथम जुलाई तक होनी चाहिए, जबकि रबी सीजन में लौकी की बुवाई सितंबर अन्त से अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक तय की गई है। इसकी फलस में चुर्णी फफूंदी, उकठा (म्लानि), फल मक्खी और लाल कीड़ा जैसे प्रमुख रोग का प्रकोप बना रहता है। लौकी की जड़ों से लेकर हर हिस्से में कीड़े लगते हैं। ऐसे में किसान को इसकी फसल तैयार करते वक्त काफी ध्यान देने की जरूरत होती है। कीटों एवं रोगों को खत्म करने के लिए किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह से लेकर कीटनाशक या रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

लौकी की खेती से कमाई

खेती में लौकी की रोपाई करने के बाद इसको तैयार होने में करीब 50 से 55 दिन का समय लगता है। इस दिन के बाद किसान आराम से खेत से लौकी तोड़कर बाजार में बिक्री कर सकता है। जब आपके खेत की लौकी गहरा हरा रंग में आ जाए तो आप इसकी तुड़ाई कर सकते हैं। फलों की तुड़ाई डंठल के साथ करें। इससे वह कुछ समय तक ताजा बना रहता है। एक एकड़ में करीब 70 से 90 क्विंटल तक लौकी की पैदावारी की जा सकती है। इसको तैयार में करीब 15 से 20 हजार रुपये लागत आती है। यदि बाजार में लौकी का सही भाव मिल जाए तो एक सीजन में आराम से 1 लाख से लेकर 1.50 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है।

Viren Singh

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