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भारत की बढ़ती ताकत के आगे ब्रिटेन नतमस्तक, ब्रटिश PM ने जताई इस समझौते की हिंदुस्तान से उम्मीद

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालते ही भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर फिर से बातचीत शुरू करने की उम्मीद जताई है। पिछले महीने ब्राजील में जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात के बाद स्टार्मर ने कहा, हम अपनी यूके-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।

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Newstrack Network
Published on: 22 Dec 2024 7:41 PM IST (Updated on: 22 Dec 2024 10:37 PM IST)
Keir Starmer and Narendra Modi
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Keir Starmer and Narendra Modi (Photo: Social Media)


Indian Economy: विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके भारत का विश्व में लगातार दबदबा कायम हो रहा है। हर देश भारत के व्यापारिक संबधों को और मजबूती देना चाहता है ताकि विश्व के सबसे बड़े बाजार में भी उसका उत्पाद आसानी से बिका सके। इसी बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालते ही भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर फिर से बातचीत शुरू करने की उम्मीद जताई है। पिछले महीने ब्राजील में जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात के बाद स्टार्मर ने कहा, हम अपनी यूके-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।महत्वपूर्ण यह है कि यह व्यापार और निवेश से शुरू होगा। मैं खुशी के साथ यह घोषणा करता हूं कि हम नए साल की शुरुआत में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत फिर से शुरू करेंगे।

इसका मतलब यह है कि FTA वार्ता, जो 14वें दौर के बाद अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर गई थी, अब एक नए मोड़ पर आ गई है, खासकर जब नई लेबर पार्टी की सरकार ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने" के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। इसके परिणामस्वरूप, भारत और ब्रिटेन के व्यापार संबंधों के भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा उभर कर आई है, जिसमें यूके सरकार के आंकड़ों के मुताबिक जून 2024 तक प्रति वर्ष GBP 42 बिलियन का व्यापार लक्ष्य रखा गया है।

एफटीए वार्ता जनवरी 2022 में शुरू हुई थी, लेकिन ब्रिटेन में चुनावों के कारण इसे रोक दिया गया था। अब, नई ब्रिटिश सरकार ने भारत के साथ इस महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करने की योजना बनाई है, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में सहायक होगा।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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