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Budget 2023: बजट 2023 से हैं बड़ी उम्मीदें, जानिये किसको क्या मिलेगा

Budget 2023 1 February: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में बजट पेश करने वाली हैं। रहने - जीने की बढ़ती लागत और बिगड़ते नौकरी बाजार से प्रभावित मध्यम वर्ग आगामी बजट में सीतारमण से काफी कुछ राहत की उम्मीद कर रहा है।

Neel Mani Lal
Published on: 23 Jan 2023 9:46 AM IST (Updated on: 23 Jan 2023 9:46 AM IST)
Budget 2023
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Budget 2023 (Social Media)

Budget 2023: 2024 के आम चुनाव से पहले पूरे साल का आखिरी बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में पेश करने वाली हैं। रहने - जीने की बढ़ती लागत और बिगड़ते नौकरी बाजार से प्रभावित मध्यम वर्ग आगामी बजट में सीतारमण से काफी कुछ राहत की उम्मीद कर रहा है। मध्यम वर्ग के लिए उम्मीद की एक किरण यूं दिखती है क्योंकि वित्त मंत्री ने हाल ही में संकेत दिया था कि वह मध्यम वर्ग की स्थिति को समझती हैं क्योंकि वह भी उसी वर्ग से संबंधित हैं।

आयकर की कम दरें

वित्त मंत्री सीतारमण के आगामी बजट में आयकर दरों को कम करने और वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए संशोधित स्लैब पेश करने की संभावना है। कुछ साल पहले रियायती आयकर व्यवस्था को छोड़कर बजट 2016-17 के बाद से कर स्लैब अपरिवर्तित रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार इस बार 30 प्रतिशत और 25 प्रतिशत कर दरों को कम करेगी।विशेषज्ञ चाहते हैं कि आम आदमी को अधिक प्रयोज्य आय देने के लिए मूल छूट सीमा को वर्तमान में 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से 80 वर्ष की आयु) के लिए न्यूनतम कर छूट की सीमा 3 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये की जानी चाहिए। वर्तमान में, वरिष्ठ नागरिकों (जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है) के लिए मूल कर छूट की सीमा 3 लाख रुपये है।

आयकर से बाहर का वर्ग

मध्यम वर्ग और निम्न माध्यम वर्ग में बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा है जो आज के समय में आयकर स्लैब से नीचे है। इस वर्ग को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है क्योंकि इनकी इनकम ही कम है। लेकिन कम इनकम के बावजूद महंगाई की पूरी मार झेलनी पड़ती है। चूंकि ये वर्ग गरीबी रेखा से ऊपर है सो इसे सरकारी स्कीमों का भी लाभ नहीं मिलता। वित्त मंत्री इस वर्ग के लिए क्या करेंगी ये देखने वाली बात है।

इक्विटी एलटीसीजी पर गैर-कर योग्य सीमा

सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर योग्य है यदि लाभ प्रति वर्ष 1 लाख रुपये से अधिक है। लंबी अवधि की संपत्ति की इस श्रेणी ने 2004 से कुल कर छूट का आनंद लिया है, क्योंकि ये लेनदेन प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) के अधीन थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हालांकि एसटीटी को वापस लेने की संभावना नहीं दिखती है, लेकिन खुदरा निवेशकों की उम्मीद है कि प्रति वर्ष 1 लाख रुपये की गैर-कर योग्य सीमा को कम से कम 2 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।

रेलवे से उम्मीद

सरकार इस साल के बजट में 400 और नई वंदे भारत ट्रेनों की योजना का खुलासा कर सकती है। रेल मंत्रालय का लक्ष्य राजधानी और शताब्दी सहित सभी मौजूदा हाई-स्पीड ट्रेनों को धीरे-धीरे बदलना है, ताकि प्रमुख मार्गों पर गति को बढ़ाकर 180 किमी प्रति घंटे से अधिक किया जा सके। जनता को उम्मीद है कि वरिष्ट नागरिकों के लिए रेलवे कंसेशन बहाल करने की घोषणा की जाएगी। यात्रियों को रेलवे से उम्मीद है कि वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म किया जाएगा। इस बारे में रेल मंत्रालय पहले आश्वासन दे चुका है। देखना है कि इस बार क्या होता है।



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Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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