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Budget 2023 में दिखेगी आम चुनाव के तैयारियों की झलक, ग्रामीण क्षेत्र पर सरकार का रहेगा मुख्य फोकस

Budget 2023: चालू वित्त वर्ष के अधिकांश महीनों में ग्रामीण बेरोजगारी दर 7% से ऊपर रही है।

Viren Singh
Written By Viren Singh
Published on: 23 Nov 2022 12:52 PM IST (Updated on: 23 Nov 2022 8:11 PM IST)
Budget 2023
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 Budget 2023 (सोशल मीडिया) 

Budget 2023: 2024 में होने वाले आम चुनावों के लिए अभी तक़रीबन डेढ़ साल का समय बचा है। लेकिन मोदी सरकार ने इसकी तैयारी अभी से शुरु कर दी है। मोदी सरकार 2.0 के पेश होने वाले आखिरी पूर्ण बजट में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है। केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र पर ज्यादा फोकस कर रही है। इतना ही नहीं, आम चुनाव में जाने से पहले विपक्षीय दल रोजगार के मुद्दे को लेकर घेर ना पाएं, इसलिए मोदी सरकार 2023 आम बजट में रोजगार को लेकर भी कुछ बड़े कदम उठा सकती है।

सरकार ने बढ़ाया ग्रामीण खर्च

केंद्र सरकार के आम बजट से पहले एक जानकारी सामने आई है। विदेश न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले रोजगार और लोगों को किफायती आवास मुहैया हो, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुख्य फोकस है। साथ, सरकार ने अगले वित्त वर्ष में ग्रामीण खर्च को भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने ग्रामीण खर्च को करीब 50 फीसदी बढ़ाकर 1.60 लाख करोड़ रुपए करना चाहती है। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.36 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे।

ग्रामीण क्षेत्रों के हालत को है सुधारना

रॉयटर्स के मुताबिक, मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि सरकार इस बढ़ी हुई राशि के जरिए कोरोना महामारी से जो ग्रामीण क्षेत्रों की हालत खराब हुई, उससे वह उबारना चाहती है। उनका कहना है कि महामारी से बाहर आने के बाद, एशियाई देश के ग्रामीण क्षेत्र बढ़ती कीमतों और सीमित गैर-कृषि नौकरी के अवसरों के दबाव में थे। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले इसके लिए सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बेरोजगारी पर प्रधानमंत्री हो रही कड़ी आलोचना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में दूसरी बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद वह आजाद भारत के बाद से देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बन गए। लेकिन अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में प्रधानमंत्री मोदी का एक मिश्रित ट्रैक रहा है, जिसके चलते बढ़ती बेरोजगारी के लिए विपक्षी दलों की ओर से उनकी कड़ी आलोचना की गई।

ग्रामीण बेरोजगारी दर रही 7 फीसदी से ऊपर

वहीं, एक निजी थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अधिकांश महीनों में ग्रामीण बेरोजगारी दर 7% से ऊपर रही है। वहीं, चालू वर्ष के लिए सरकार ने शुरुआत में नौकरी योजना के लिए 730 अरब रुपये और आवास योजना के लिए 200 अरब रुपये का बजट रखा था। हालांकि ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, सरकार रोजगार कार्यक्रम पर अब तक 632.6 अरब रुपये खर्च कर चुकी है।



Viren Singh

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पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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